कुल्हाड़ी के बल पर लूटने वाला गिरोह पकड़ा, 4 लुटेरे गिरफ्तार
उनसे 3 गाड़िया, 11 दोपहिया वाहन, मोबाइल समेत अन्य सामान बरामद कर लिया गया है। उक्त आरोपियों से वह कुल्हाड़ी और चाकू भी बरामद कर लिया है। जिनके दम पर वह लूट की वारदातों को अंजाम दिया करते थे। आरोपी वाहनों को एक जगह से चोरी कर उनका इस्तेमाल लूट, स्नेचिंग की वारदातों के लिए करने के बाद फिर उन्हें कही भी छोड़ कर फरार हो जाते थे। इनकी गिरफ्तारी से एक रात में हुई लूट की चार वारदातों का मामला भी सुलझा है।
आरोपियों ने 8/9 की रात को सैक्टर-48/49 डिवाइडिंग रोड पर एक व्यक्ति का आटो लूटा था। उसके बाद उसपर सवार होकर सैक्टर-24 के पुलिस बीट बाक्स के पहुंचे थे। यहां उन्होने कुल्हाड़ी के बल पर धनास के मकान नंबर-224 में रहने वाले शिव राम को घेर कर उसका मोबाइल फोन छीना था। इसके बाद वह अटावा चौक के पास पहुंच थे।
जहां उन्होंने साइकिल पर जा रहे अटावा के रवि को रोक कर उसे कुल्हाड़ी दिखाकर उसका मोबाइल फोन व उसके जेब से 5 हजार की नकदी छीनी थी। इसके बाद वह आटो को सैक्टर-17 में ले गए थे। जहां खुड्डा लाहौरा की कालोनी नंबर-1 के मकान नंबर-110 निवासी मुकेश शर्मा ने आटो हायर किया था।
जैसे ही आटो चालक खुड्डा लाहौरा के पास पहुंचे तो तीनों में एक ने मुकेश से मारपीट करनी शुरू कर दी थी। इसी बीच मुकेश आटो से नीचे गिर गया था। इसके बाद उस पर कुल्हाड़ी से जब वार किया गया तो किसी तरह उसने अपने आप को बचा लिया था और उनकी कुल्हाड़ी छीन ली थी। सूचना मिलने पर पुलिस आरोपियों के पीछे भी लगी थी। लेकिन आरोपी आटो छोड़ वहां से फरार हो गए थे।
हर साल देते थे इस तरह की वारदात को अंजाम
आरोपी हर साल एक आटों को लूट कर इस तरह की वारदात को अंजाम दिया करते थे। 2014 से वारदातों को अंजाम देते आ रहे है। एसएसपी सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि नाबालिग होने के कारण आरोपियों के नामों को गुप्त रखा जाता था। जिसका फायदा उन्हें मिलता था।
नाबालिग होने के कारण वह जल्दी छुट कर वापस आ जाते और फिर वारदातों को अंजाम देना शुरू कर देते। वर्ष 2014 और 2015 के जनवरी माह मे आरोपियों ने आटों को लूट कर इस तरह लूट की वारदातों को अंजाम दिया था। जिनके बाद उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। वर्ष 2016 में उन्होनें फरवरी माह में भी इस तरह आटों को लूटकर वारदात दिया था। जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है।
जगतपुरा में बनाया अपना गोदाम
आरोपियों ने सैक्टर-48 के सामने पड़ने वाले गांव के पास गुजरने वाली रेलवे लाईंन के नीचे अपना गोदाम बनाया हुआ था। यहां पर आरोपियों ने एक थोड़ा चौड़ा रास्ता बना कर वहा जमीन खोद रखी थी। वही पर सामाने और बिस्तर रखा हुआ था। आरोपी कई दिनों तक वही पर रह कर अपना गुजारा करते थे।
नशे के आदि है सभी आरोपी: सभी आरोपी नशेड़ी प्र्वति के है। नशा पूरा करने और अपनी मौज मस्ती के लिए वह लूट की वारदातों को अंजाम दिया करते थे। इसी के लिए वह वाहन भी चोरी किया करते थे।
किस पर कितने मामलें दर्ज :
– गैंग के मुख्य सरगनाह 20 वर्षीय सागर पर दो दर्जन से अधिक अपराधिक मामलें दर्ज है। आरोपी ने 12 साल की उमर में ही आपराध करने शुरू कर दिए थे।
– 24 साल के सुरज पर चोरी और स्नैचिंग के दो मामलें दर्ज है।
– 19 साल के सुरजित नशे की प्र्वति और बेरोजगारी के कारण इस तरह की वारदातों को अंजाम दिया करता था। उसपर भी कई मामलें दर्ज है।
– 20 साल के संदीप पर भी अपराधिक मामलें दर्ज
– संदीप और सुरजित वर्ष 2014 से एक साथ इस तरह की वारदातों को अंजाम देते आए है।