केंद्रीय कर्मियों और पेंशनभोगियों के लिए खुशखबर है। जस्टिस एके माथुर की अध्यक्षता वाले सातवें वेतन आयोग ने गुरुवार को 900 पन्नों की रिपोर्ट वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंप दी है। इसमें वेतन में 23.55 प्रतिशत और पेंशन में 24 फीसदी वृद्धि करने की सिफारिश की है।
इसके साथ ही सैनिकों की तर्ज पर असैन्य कर्मचारियों के लिए भी समान रैंक, समान पेंशन की व्यवस्था लागू करने की बात कही गई है। दायरे में 10 साल पहले रिटायर कर्मचारी भी आएंगे।
48 लाख कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनर्स को इसका फायदा होगा। सिफारिशें जस की तस लागू करने पर सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपए सालाना बोझ आएगा। इसमें से करीब 28,450 करोड़ रुपए का बोझ रेल बजट और बाकी 73,650 करोड़ रुपए आम बजट पर जाएगा।
सशस्त्र बलों में सेवानिवत्ति की उम्र 60 साल
आयोग के चेयरमैन और एक अन्य सदस्य डाक्टर रतिन राय ने सभी केन्द्रीय सशस्त्र बलों में सेवानिवत्ति की उम्र 58 साल से बढ़ाकर 60 साल करने की सिफारिश की है, पर एक अन्य सदस्य विवेक रे इससे सहमत नहीं थे। उन्होंने इस संबंध में गृह मंत्रालय के दृष्टिकोण का समर्थन किया है। मिलिट्री सर्विस पे 1000 से बढ़ाकर 3600 करने की सिफारिश की गई है। इसका फायदा स्वायत्तशासी निकायों, विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी मिलेगा।
कम से कम वेतन 18 हजार महीना…
63% बढ़ेंगे भत्ते।
16% मूल वेतन में वृद्धि।
03% सालाना वेतन वृद्धि।
18 हजार न्यूनतम मासिक वेतन।
2.5 लाख अधिकतम मासिक वेतन यानी केबिनेट सचिव को इतना वेतन मिलेगा, बाकी शीर्ष अफसरों का वेतन 2.25 लाख होगा।
10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख हो ग्रैच्युटी। डीए 50 फीसदी बढे़ तो ग्रैच्युटी 25 फीसदी बढे़।
7.5 लाख से 25 लाख तक का घर खरीदने के लिए बिना ब्याज एडवांस।
पैरामिलिट्री के जवान या अफसर की ड्यूटी के दौरान मौत पर शहीद का दर्जा मिले।
एक सैलरी, एक पोस्ट का नियम लागू हो।
52 तरह के भत्ते खत्म हों। पे बैंड और ग्रेड पे खत्म हो।
ग्रुप ए अफसरों को आईएएस के बराबर वेतन मिले।
गु्रप हेल्थ इंश्योरेंस योजना लागू हो
कैशलेस इलाज करने वाले अस्पतालों की संख्या बढे़।
वरिष्ठ कर्मियों के लिए 1.2 लाख से 50 लाख तक का हेल्थ इंश्योरेंस हो, मासिक कटौती में 120 से 5000 रुपए तक बढ़ोतरी हो।
कनिष्ठ कर्मियों के लिए 30 हजार से 15 लाख तक का हेल्थ इंश्योरेंस हो, मासिक कटौती में 30 से 1500 रुपए की बढ़ोतरी हो।
आगे क्या
सिफारिशों को वित्त मंत्रालय मंजूरी देगा, फिर केबिनेट में पास कराया जाएगा। इसके बाद अधिसूचना जारी होगी। इस प्रक्रिया में 4 माह लगने का अनुमान है।
ये होगा असर
विशेषज्ञों के मुताबिक सिफारिशें लागू होने पर आम बजट पर बेतहाशा बोझ बढ़ेगा, महंगाई बढ़ेगी। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में डिमांड बढ़ेगी। प्रॉपर्टी के दाम बढ़ेंगे।