केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने जाट आरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया
एजेंसी/ चंडीगढ़ : जाट आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद में केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनका कहना था कि देश में गुर्जरों और यादवों को आरक्षण के योग्य माना जा सकता है तो फिर जाटों को क्यों नहीं माना जा सकता है। जाटों को आरक्षण क्यों नहीं दिया जा सकता है। इस मामले में मांग की गई कि जाटों को आरक्षण अवश्य मिलना चाहिए । जाट हिंसा में शामिल नहीं होते वे केवल देश की सीमा पर शत्रुओं हेतु ही हिंसक होते हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा जाटों समेत 6 जातियों को दिए गए आरक्षण को लेकर उच्च न्यायालय द्वारा जो स्टे लगाया गया है। वह जारी रहेगा। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में सरकार की ओर से जो स्टे दिया गया हैं उस पर पुनर्विचार याचिका लगा दी गई है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में सरकार को किसी भी तरह की राहत नहीं देने की बात कही है।
हालांकि इस पर बहस भी हुई। याचिकाकर्ता द्वारा अपने पक्ष द्वारा सरकार की याचिका का उत्तर नहीं देने पर न्यायालय ने सुनवाई 13 जून हेतु टाल दी। अब इस मामले में 13 जून को बहस का आयोजन होगा। उनका कहना था कि सरकार की ओर से विद्यालयों में एडमिशन ओपन हैं। यही नहीं लोगों की भर्ती भी की जा रही है। यादव ने सरकारी वकील के हवाले की बात को लेकर कहा कि आखिर एक्स पार्टी ऑर्डर वेकेंट हो इस तरह की मांग की गई है। न्यायालय में हमने आपत्ती दायर की है। जिसके बाद न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई 13 जून हेतु की है।
दूसरी ओर अभिभाषक रणधीर बदरान ने कहा कि ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से पार्टी बनाने की मांग की गई, जिसे न्यायालय द्वारा मान लिया गया। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर जाटों की ओर से शांतिपूर्ण धरना भी दिया गया है। सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं कि इस मामले में जल्द से जल्द उच्च न्यायालय से आरक्षण पर लगाए गए अंतिम स्टे को हटा दिया जाए।