नई दिल्ली : सिविल सर्विसेज परीक्षा का अंतिम परिणाम शुक्रवार देर शाम घोषित किया गया। हैदराबाद में रहने वाले अनुदीप डुरीशेट्टी ने टॉप किया है। वहीं, हरियाणा की अनु कुमारी दूसरे और तीसरे नंबर पर सिरसा के सचिन गुप्ता हैं। बिहार के अतुल ने चौथा स्थान हासिल किया है। टॉपर अनुदीप डुरीशेट्टी इससे पहले भी इस परीक्षा में सफल हो चुके थे और फिलहाल हैदराबाद में इंडियन रेवेन्यू सर्विस में काम कर रहे थे। बिट्स पिलानी से ग्रेजुएट अनुदीप गूगल में भी काम कर चुके हैं। डुरीशेट्टी अनुदीप ने एंथ्रोपोलॉजी विषय के साथ परीक्षा दी थी। रिजल्ट के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह इस सफलता से काफी खुश हैं और इस सफर में उनका साथ देने वाले सभी लोगों का धन्यवाद करते हैं। दूसरे नंबर पर आने वाली अनु कुमारी हरियाणा के सोनीपत की हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में बीएसएसी करने के बाद आईएमटी नागपुर से एमबीए की पढ़ाई की है। मूल रूप से पानीपत के गांव दिवाना के रहने वाले बलजीत सिंह की बेटी अनु कुमारी का यह दूसरा प्रयास था। अनु ने बताया कि वह पिछले 9 सालों से प्राइवेट जॉब कर रही थी, इसी बीच शादी हो गई, बेटा भी हो गया। यूपीएससी की तैयारी करने के लिये अनु ने अपने बेटे को डेढ़ साल तक खुद से दूर अपने माता-पिता के पास भेज दिया था। समाज के लिये कुछ कर गुजरने का जुनून लेकर पढ़ाई करने वाली अनु खुद पुरखास गांव में अपनी मौसी के पास रहीं। तीसरा स्थान पाने वाले सचिन गुप्ता भी हरियाणा के हैं। उन्होंने पटियाला के थापर यूनिवर्सिटी से मकैनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई की है। इंजिनियरिंग पूरी करने के बाद उन्होंने गुरुग्राम में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी भी की लेकिन वह सिविल सेवा में आना चाहते थे। उन्होंने नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया और अब नतीजा सबके सामने है। चौथा स्थान बिहार के अतुल प्रकाश ने हासिल किया। उनके पिता रेलवे में इंजिनियर हैं और अतुल की पढ़ाई विभिन्न रेलवे स्कूलों में हुई। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अतुल का सिलेक्शन आईआईटी में हो गया और उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इंजिनियरिंग की। हालांकि वह आईएएस बनना चाहते थे और अपने दूसरे ही प्रयास में उन्होंने इस कठिन परीक्षा में चौथा स्थान हासिल कर लिया। यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन की ओर से जारी परिणाम के अनुसार कुल 990 स्टूडेंट्स सफल हुए जिनमें जनरल कैटिगरी के 476, ओबीसी कैटिगरी के 275, एससी के 165 और एसटी के 74 स्टूडेंट पास हुए हैं। टॉपर ओबीसी कैटिगरी के हैं। यह लगातार दूसरा मौका है, जब टॉपर इस कैटिगरी के हैं। इन 990 में 180 आईएएस के लिए चुने जाएंगे। बाकी इंडियन पुलिस सर्विस, इंडियन फॉरेन सर्विस के अलावा दूसरी ग्रेड ए सर्विस में चुने जाएंगे।
पिता ने बढ़ाया हौंसला
आगरा के मोहनपुरा निवासी उत्सव गौतम को यूपीएससी 2017 की परीक्षा में 33वीं रैक मिली है। अपने चौथे प्रयास में आईएएस बनने वाले उत्सव ने परिणाम आने के बाद सबसे पहले अपने पिता स्व. डॉ. राजीव कुमार गौतम को याद किया। उत्सव ने कहा कि उनके पिता ने ही उन्हें आईएएस बनने का सपना दिखाया था। आईएएस बनने के बाद उत्सव के घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। आईएएस बनने का ख्वाब पूरा होने पर उत्सव ने कहा कि उनका घर डीएम निवास के पीछे है। बचपन से ही जब भी वह डीएम निवास के बगल से गुजरते थे तो उनके पिता उन्हें डीएम बनने को प्रेरित करते थे। उनकी प्रेरणा और मेरी लगन ने मुझे सफलता दिलाई।
भाई के संघर्ष से मिली प्रेरणा
आईएएस के लिए चयनित होने वाली प्रतिभाओं में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समधी डीडवाना निवासी कमलेश कुमार पंवार की बेटी गरिमा पंवार ने इस परीक्षा में 212वीं रैंक हासिल की है। वहीं मेड़ता रोड निवासी राहुल भाटी को 554वीं रैक मिली है। राहुल वर्तमान में उप निदेशक भारतीय ऊर्जा नियामक विभाग दिल्ली में कार्यरत हैं।
चाय वाले का बेटा आईएएस बना
राजस्थान के जैसलमेर में रहने वाले देशलदान ने आईएस में 82वीं रैंक हासिल कर अपने घर-परिवार, समाज और जिले का भी नाम रोशन किया है। देशलदान के पिता चाय बेचने का काम करते हैं। इस लड़के ने साबित कर दिया है कि भले ही वह संसाधन संपन्न नहीं है, लेकिन सफलता के लिए जुनून की जरूर होती है ना कि पैसों की। देशलदान की पढ़ाई के दौरान उसके पिता ने ब्याज पर पैसे लेकर भी उसकी शिक्षा को लगातार जारी रखा और अब वह मेहनत सफल हो गई। बचपन से ही देशलदान पढ़ाई में अव्वल था और उसके पिता ने भी हर मौके पर अपने बेटे का सहयोग किया।
होनहारों ने लहराया परचम
गोरखपुर के दो होनहारों ने सफलता का परचम लहराया है। दोनों का यह तीसरा प्रयास था। सफलता पर परिवार व शुभचिंतकों ने खुशियां जताई हैं। शहर के तारामंडल निवासी कारोबारी बीके मिश्रा की पुत्री अंकिता को 105 वीं रैंक मिली है, जबकि बिछिया मोहल्ला निवासी रेलवे के अफसर प्रभुनाथ प्रसाद के पुत्र अंशू कुमार को 163 वीं रैंक मिली है।तारामंडल क्षेत्र में सिद्धार्थ एन्क्वेल निवासी बीके मिश्रा की बड़ी बेटी अंकिता ने 2014 में आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई के लिए कैलिफोर्निया जाने का निर्णय लिया था। वहां से वजीफा भी मंजूर हो गया था। मगर ऐन वक्त परिवार वालों की इच्छा पर उन्होंने विदेश जाने की योजना त्याग दी और आईएएस परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। तीसरे प्रयास में उन्होंने 105 वीं रैंक हासिल कर आईपीएस में स्थान पक्का कर लिया है।
विधायक की बेटी बनी आईएएस
उत्तर प्रदेश के बरेली में फरीदपुर विधानसभा से भाजपा विधायक प्रोफेसर श्याम बिहारी की बेटी शिल्पा ग्वाल ने दूसरी बार में आईएएस की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली है, उन्होंने आल इंडिया 887 रैंक के साथ इस मुकाम को हासिल किया। शिल्पा ने बारहवीं तक की शिक्षा सेंट मारिया गौरेटी इंटर कॉलेज से हासिल की, उसके बाद 2015 में बीए, एलएलबी आनर्स नेशनल लॉ यूनिवर्सिट लखनऊ से हासिल की, उसके बाद 2016 में इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट नई दिल्ली से एलएलएम किया।