केंद्र का यू-टर्न, कश्मीरी अलगाववादियों की पाक नेताओं से मुलाकात में दिक्कत नहीं
एजेंसी/ नई दिल्ली। कश्मीरी अलगाववादियों की पाक नेताओं के साथ मुलाकात को लेकर केंद्र सरकार ने अपने पहले रुख से यू-टर्न मार लिया है। सरकार का कहना है कि हुर्रियत नेता भी भारत के नागरिक हैं। अगर वे किसी भी दूसरे देश के प्रतिनिधि से मिलते हैं तो इसमें सरकार को कोई दिक्कत नहीं है। गौरतलब है कि इससे पहले केंद्र सरकार ने हुर्रियत नेताओं की पाक उच्चायुक्त से वार्ता को मुद्दा बनाकर पाकिस्तान के साथ होने वाली सचिवस्तरीय वार्ता रद्द कर दी थी।
विदेश मामलों के राज्यमंत्री वीके सिंह ने संसद में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि कश्मीर के अलगाववादी नेता भारतीय हैं और सरकार पाक नेशनल डे पर पाक उच्चायोग में इन नेताओं की मौजूदगी से अनभिज्ञ नहीं है। चूंकि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, ये कश्मीरी नेता भी भारतीय हैं और कश्मीरी नेताओं के भारत में किसी भी दूसरे देश के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात पर कोई रोक नहीं है।
कश्मीरी अलगाववादियों की पाक नेताओं के साथ मुलाकात को लेकर केंद्र सरकार ने अपने पहले रुख से यू-टर्न मार लिया है। सरकार का कहना है कि इस मुलाकात में उसे कोई दिक्कत नहीं है
गौरतलब है कि 25 अगस्त 2014 को भारत और पाक के बीच सचिव स्तरीय वार्ता होनी थी। उससे एक हफ्ते पहले पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को मुलाकात का आमंत्रण भेज दिया। उनके आमंत्रण पर कश्मीरी नेता दिल्ली में पाक उच्चायोग पहुंचे और बासित से मुलाकात की। भारत सरकार ने इस घटनाक्रम के बाद सचिवस्तरीय वार्ता रद्द कर दी।
विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने उस समय कहा था ‘ऐसे समय पर जब भारत सरकार द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में गंभीर पहल कर रही थी, पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने हुर्रियत के तथाकथित नेताओं को आमंत्रित करके पाकिस्तान की नीयत पर सवालिया निशान लगाया। इससे उनकी नकारात्मक विचारधारा और भारत के अंदरूनी मामलात में लगातार दखल देने के प्रयासों का भी पता चलता है। इसीलिए मौजूदा हालात में यह सोचा गया कि अगले सप्ताह भारतीय विदेश सचिव के इस्लामाबाद जाने से कोई मकसद हल नहीं होगा। विदेश सचिव का वार्ता के लिए 25 अगस्त का इस्लामाबाद दौरा रद्द किया जाता है।’