केंद्र बताये, कब तक घर में बैठेंगे दिल्ली के विधायक
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में विधानसभा भंग करने की अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की याचिका पर सुनवाई पांच सप्ताह के लिए आज स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने भोजनावकाश के बाद फिर से शुरू हुई सुनवाई पांच सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए उम्मीद जताई कि इस बीच दिल्ली में चुनाव कराने अथवा सरकार बनाने को लेकर केंद्र सरकार कोई फैसला अवश्य कर लेगी। भोजनावकाश से पहले हुई सुनवाई में न्यायालय ने केन्द्र सरकार से पूछा कि उसने दिल्ली में सरकार गठन की दिशा में अब तक कया पहल की है तथा निर्वाचित विधायक घर पर कब तक बैठे रहेंगे। शीर्ष अदालत ने आप की याचिका की सुनवाई के दौरान सवाल खड़े किए। एक पार्टी कहती है कि उसके पास संख्या बल नहीं है। दूसरी कहती है कि वह सरकार बनाने को इच्छुक नहीं है। तीसरी पार्टी के पास पर्याप्त विधायक नहीं है। ऐसी स्थिति में जनता क्या करेगी। राजधानी की जनता को कब तक भुगतना पड़ेगा। संविधान पीठ ने केन्द्र से यह जानकारी देने को कहा कि राजधानी में नई सरकार के गठन को लेकर उसकी तरफ से क्या कोशिशें की गई हैं। केंद्र सरकार की ओर से न्यायालय में यह दलील दी गई कि वह यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि राजधानी के मतदाताओं के प्रयास विफल न जाएं। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि आखिर विधानसभा को निलंबित रखने और चुने हुए विधायकों के घर पर बैठे रहने का औचित्य क्या है। आखिर कब तक राजधानीवासी इस पचड़े में फंसकर परेशान होते रहेंगे। गौरतलब है कि (आप) की सरकार के 14 फरवरी को इस्तीफा देने के बाद से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू है और विधानसभा निलंबित है। आप विधानसभा को भंग करके नए सिरे से चुनाव कराने के पक्ष में है।