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नई दिल्ली। चुनाव प्रक्रिया के बीच एनडीटीवी-हंसा रिसर्च ग्रुप की ओर से किए गए एक जनमत सर्वेक्षण के अनुसार भाजपा को अपने सहयोगी दलों के साथ 275 सीटें मिल सकती हैं। सरकार बनाने के लिए 272 सीटों की जरूरत होती है। वहीं, भाजपा को कुल 226 सीटें मिलने का अनुमान है। सर्वे में कांग्रेस को 92 और यूपीए गठबंधन को महज 111 सीटें मिलने का अनुमान है। बीजेपी को 34.5 फीसदी वोट मिलेंगे। जबकि कांग्रेस को 25.6 फीसदी वोट से संतोष करना पडेगा। ओपिनियन पोल में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को 50 से ज्यादा सीटें हासिल करते दिखाया गया है। बीजेपी को 2009 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में महज 10 सीटें मिली थीं। सर्वे के मुताबिक मौजूदा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में लगभग पांच सीटें जीत पाएगी। उसे 2009 में 21 सीटें मिली थी। ओपिनियन पोल के दावों पर यकीन करें तो मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी को पिछले लोकसभा चुनाव में 23 सीटें मिली थीं जबकि इस बार महज 14 सीटें मिलेंगी। मायावती की बहुजन समाज पार्टी को 10 सीटें मिलेंगी. पिछले चुनाव में बसपा को 20 सीटें मिली थीं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार सफलता हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी को सर्वे में दिल्ली में एक सीट मिलती दिख रही है। वहीं बीजेपी को छह सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलेगा। बिहार में एनडीए सबसे अधिक 24 सीट जीत सकता है, वहीं आरडेजी और कांग्रेस गठबंधन को 12 सीट जबकि जेडी-यू को इस बार यहां केवल 4 सीट मिलती दिख रही है। तमिलनाडू में जयललिता का जादू है और उनकी पार्टी 22 सीट जीत सकती है। डीएमके को 14 सीट मिल सकती है। बीजेपी और उसके सहयोगी दल भी 3 सीट जीत सकते हैं। कर्नाटक में बीजेपी को येदयुरप्पा की वापसी का कोई खास फायदा नहीं दिख रहा और कांग्रेस को 14 व बीजेपी को 12 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। मध्यप्रदेश और राजस्थान में बीजेपी का शानदार प्रदर्शन जारी है। एमपी में जहां बीजेपी 26 सीट जीत सकती है वहीं राजस्थान में उसे 21 सीटें मिलने का अनुमान है। कांग्रेस को क्रमश: 3 और 4 सीटें मिलती दिख रही हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ सबसे अधिक 37 सीट जीत सकती है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के हिस्से 9 सीटें आती दिख रही है। इस बार यहां राज ठाकरे की एमएनएस 1 सीट जीत सकती है वहीं एक सीट अन्य उम्मीदवार जीत सकता है। केरल में कांग्रेस और उसके सहयोगी यहां 8 सीट जीत सकते हैं, वहीं एलडीएफ यहां सबसे अधिक 12 सीट जीत सकता है।