टॉप न्यूज़ब्रेकिंगराष्ट्रीय

केंद्र सरकसार सीलबंद लिफाफे में दे राफेल सौदे की जानकारी

नई दिल्ली : फ्रांस और भारत के बीच फाइटर प्लेन राफेल डील मामले में आज उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई। इस मामले में दो याचिकाकर्ताओं ने अपील की है कि भारत सरकार को डील के मामले में प्लेन की कीमतों का खुलासा करना चाहिए। वहीं, तीसरे याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला ने सुनवाई से ठीक पहले अपनी याचिका को वापस ले लिया।मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सीलबंद लिफाफे में डील की जानकारी देने के लिए कहा है।

केंद्र सरकार से न्यायालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह 29 अक्टूबर तक इस मामले की जानकारी दे। न्यायालय में केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि ये नेशनल सिक्योरिटी का मामला है। केंद्र सरकार ने कहा कि ये जनहित याचिका नहीं है बल्कि राजनीति से प्रेरित याचिका है। सरकार ने कहा कि ये समय चुनाव का है अगर कोर्ट याचिका पर नोटिस जारी करता है तो सीधे प्रधानमंत्री को जाता है। इस याचिका पर सुनवाई की जरूरत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा चलिए ये मान लीजिए कि मैं आपसे इस डील की जानकारी केवल कोर्ट को देने को कहता हूं? तो क्या आप कोर्ट को देंगे? गौरतलब है कि एक वकील विनीत ढांडा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कोर्ट डील पर सरकार से रिपोर्ट ले और देखे कि सब सही है या नहीं। वहीं दूसरे वकील ने अपनी याचिका में डील को रद्द करने की मांग की है, साथ ही याचिका में प्रधानमंत्री और अनिल अंबानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। फ्रांस से राफेल डील मामले में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे। डील की गोपनीयता संबंधी शर्त पर फ्रांस की पुष्टि के बाद खुद प्रधानमंत्री ने राहुल पर पलटवार किया। इसके बाद भाजपा के चार सांसदों ने राहुल के खिलाफ इस मामले में सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इस मामले में अपने रुख में नरमी नहीं लाने का संकेत देते हुए कहा है कि सौदे की गोपनीयता का इस सौदे के तहत खरीदे जाने वाले विमान की कीमत को छिपाना शामिल नहीं था। राफेल डील के तहत 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए भारत और फ्रांस की सरकारों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। राफेल लड़ाकू विमान दोहरे इंजन वाला अनेक भूमिकाएं निभाने वाला मध्यम लड़ाकू विमान है। इसका निर्माण फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी डसॉल्ट एविएशन करती है। राफेल विमान फ्रांस की डेसाल्ट कंपनी द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है। राफेल लड़ाकू विमानों को ओमनिरोल विमानों के रूप में रखा गया है, जो कि युद्ध के समय अहम रोल निभाने में सक्षम हैं। हवाई हमला, जमीनी समर्थन, वायु वर्चस्व, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध ये सारी राफेल विमान की विशेषता है।

Related Articles

Back to top button