नई दिल्ली : भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार अपने 4 साल पूरे कर चुकी है। अब तक के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं जबकि कुछ मोर्चों पर उन्हें नाकामी भी झेलनी पड़ी। इस दौरान कुछ काम ऐसे भी हुए जो पहली बार होते देखे गए, ये नरेंद्र मोदी के ऐसे कदम हैं जिनकी सफलता-विफलता तो बहस का मुद्दा है लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी छवि ऐसे नेता की बना ली है जो अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बड़े से बड़ा फैसला लेने में हिचकता नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी के बड़े फैसलों पर डालते हैं एक नजर-
नोटबंदी : प्रधानमंत्री मोदी के अब तक के शासनकाल का सबसे ऐतिहासिक फैसला नोटबंदी का रहा जिसका खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की रात राष्ट्र के नाम संबोधन में ऐलान किया। 500 और 1000 के नोट एक झटके में बंद कर दिए गए, मोदी ने नोटबंदी के पीछे का उद्देश्य काले धन पर नियंत्रण और नकली नोटों से छुटकारा पाना बताया। हालांकि इन बड़े नोटों को बदलने के चक्कर में लोगों को काफी दिक्कत हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नोटबंदी के कारण अगले 2 महीने में देशभर में करीब 100 लोगों की मौत हुई। हालांकि मार्च, 2017 को जारी सरकारी आंकड़ों में नोटबंदी से किसी की मौत का जिक्र नहीं किया गया।नोटबंदी के बाद सरकार ने आनन-फानन में 500 के नए नोट जारी करने के साथ 2,000 के नोट को पहली बार बाजार में उतारा। इसके बाद 200 रुपये के नए नोट को भी बाजार में उतारा गया। नोटबंदी के बाद सरकार ने देश में जारी हर तरह के नोट में बदलाव भी किया और उसे नए रंग के साथ बाजार में उतारा।
सर्जिकल स्ट्राइक : पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही गोलीबारी, खासकर उरी और पठानकोट में आतंकी हमलों के बाद सबक सिखाने के लिहाज से भारतीय सेना ने 2016 में 29 सितंबर की रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जाकर आतंकवादी लांच पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। यह स्ट्राइक कोई आम प्रक्रिया नहीं है और इससे दुनिया के हर देश बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन विशेष परिस्थितियों में कभी-कभार अन्य देशों ने इसे अंजाम दिया है। भारत में इससे पहले सर्जिकल स्ट्राइक सिर्फ सुना ही गया था, लेकिन जमीनी स्तर पर कभी किया नहीं गया था। भारतीय सेना की ओर से दावा किया गया कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान 7 आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने के साथ ही 38 आतंकियों को भी मार डाला।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस : हजारों साल से भारत में जारी योग परंपरा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही जाता है। यह मोदी का ही प्रयास था जिस कारण 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा। मोदी ने 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की बात रखी। इसके बाद 11 दिसंबर 2014 को यूएन में 177 सदस्य देशों ने 21 जून को इस दिवस के रूप में अपनी सहमति जता दी। मोदी के इस प्रस्ताव को महज 90 दिनों के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो यूएन में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय का रिकॉर्ड है।
फिलीस्तीन की यात्रा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युग से पहले भारत के शीर्ष स्तर के नेता इजराइल और फिलीस्तीन की यात्रा पर जाने से बचते रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस हिचक को तोड़ दिया। पिछले साल वह इजराइल गए और इस साल की शुरुआत में उन्होंने फिलिस्तीन की यात्रा की। मोदी ने इन दोनों देशों की अलग-अलग यात्रा कर कूटनीतिक स्तर पर रिश्तों को नई गर्मजोशी दी।
इजराइल जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री : 4 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर विदेशी दौरा चर्चा में रहा, लेकिन कई देशों में उनके दौरे ने कीर्तिमान भी बनाया क्योंकि कुछ जगह बतौर प्रधानमंत्री दौरा करने वाले वह देश के पहले शीर्ष नेता बने। 1948 को विश्व पटल पर अवतरित होने वाले इजराइल की यात्रा करने वाले मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री बने, पिछले साल 4 जुलाई को मोदी भारत समेत पूरी दुनिया को चौंकाते हुए इजराइल पहुंच गए और दोनों देशों की दोस्ती को नई ऊंचाई दी।
हर गांव में पहुंचाई बिजली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से भाषण के दौरान कहा था कि अगले 1,000 दिन में देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचा दी जाएगी और 29 अप्रैल को उन्होंने ट्वीट कर बताया कि देश के हर गांव में बिजली पहुंच गई है। प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि देश के 5,97,464 गांवों में मणिपुर के सेनापति जिले का लीसांग गांव वो आखिरी गांव है, जहां 28 अप्रैल को बिजली पहुंचा दी गई है। अब देश के हर गांव में बिजली की पहुंच हो गई। मोदी सरकार ने हर गांव में बिजली मुहैया कराने के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना शुरू की थी।
जन धन योजना : नरेंद्र मोदी ने सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराने और हर परिवार के लिए बैंक खाता खोलने के मकसद से महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की। उन्होंने इस योजना की शुरुआत 2014 में 28 अगस्त को की। योजना की शुरुआत से पहले मोदी ने सभी बैंकों को ईमेल भेजकर ‘हर परिवार के लिए बैंक खाता’ को ‘राष्ट्रीय प्राथमिकता’ घोषित करने और सात करोड़ से भी अधिक परिवारों को इस योजना से जोड़ने का निर्देश दिया था। योजना के शुभारंभ के पहले ही दिन 1.5 करोड़ बैंक खाते खोल लिए गए। प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की वेबसाइट के अनुसार, 31.60 करोड़ (18.61 करोड़ अकेले ग्रामीण क्षेत्रों में) लाभार्थियों ने बैंकों में पैसा जमा कराए और इन लोगों के खाते में 81 हजार 203.59 करोड़ रुपये जमा हैं।
विदेशी धरती पर मेगा शो : नरेंद्र मोदी से पहले भी भारतीय प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर जाते रहे हैं, लेकिन उनके दौरे की तुलना में मोदी के कई विदेशी दौरों ने न सिर्फ भारतीय मीडिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी सुर्खियां बटोरीं। मोदी का विदेश यात्रा के दौरान चुनिंदा शहरों में भारतीय मूल के लोगों के बीच जाकर और उनको संबोधित कर साधारण से कार्यक्रम को मेगा शो के रूप में प्रचारित-प्रसारित करने का नया अंदाज दिखा जो इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने नहीं किया था। मोदी ने न्यूयॉर्क, ब्रिसबेन, दुबई और लंदन समेत दुनिया के कई बड़े और खास शहरों में भव्य स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन कर खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े नेता के तौर पर पेश करने की कोशिश की जिसमें वह कामयाब होते दिखे।