मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अकाली नेता विक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने पर आम आदमी पार्टी (आप) में दिल्ली से पंजाब तक भूचाल आ गया है। पंजाब प्रदेश अध्यक्ष व सह-उपाध्यक्ष ने केजरीवाल के फैसले के विरोध में पद से इस्तीफा दे दिया है।
वहीं, राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केजरीवाल के रुख से असहमति जताई, जबकि पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेता भी औपचारिक तौर पर इस मसले में बात करने को तैयार नहीं हैं।
आप के पंजाब प्रभारी व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तक ने सिर्फ इतना भर कहा कि मामले में पंजाब के नेताओं से बातचीत की जाएगी।
अरविंद केजरीवाल के माफी मांगने की जानकारी सार्वजनिक होने पर बृहस्पतिवार को ही पंजाब के नेताओं में विरोध के सुर तेज हो गए थे। पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैरा ने केजरीवाल की माफी पर आपत्ति आई।
साथ ही दावा किया कि ज्यादातर विधायक केजरीवाल के इस फैसले के खिलाफ हैं, वह सब अरविंद केजरीवाल के साथ किसी भी हाल में खड़े नहीं होंगे।
संजय सिंह अपने बयान पर डटे रहे
वहीं, शुक्रवार सुबह आप सांसद भगवंत मान ने भी प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा भेज दिया। इसके अलावा सह उपाध्यक्ष अमन अरोड़ा ने भी अपना पद छोड़ने का ऐलान किया।
दूसरी तरफ दिल्ली में भी केजरीवाल के माफीनामे पर पार्टी में अलग-अलग सुर दिखे। पंजाब विधानसभा में मजीठिया पर आरोप लगाने वाले व फिलहाल मानहानि का मुकदमा झेल रहे वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि वह अभी भी अपने बयान पर कायम हैं।
वह मानते हैं कि मजीठिया ड्रग्स के कारोबार में शामिल थे। उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं पता कि अरविंद केजरीवाल का इस मुद्दे पर क्या स्टैंड है, लेकिन खुद अपने बयान पर कायम रहने का दावा किया।
दिलचस्प यह है कि इस मसले पर पार्टी का कोई औपचारिक स्टैंड अभी तक सामने नहीं आया है। केजरीवाल ने पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है, जबकि पंजाब प्रभारी सिसोदिया राज्य इकाई से बातचीत करने की बात कर रहे हैं।
वहीं, पार्टी के ज्यादातर प्रवक्ता अभी वेट एंड वॉच की नीति पर चलते दिखे। सूत्र बताते हैं कि पार्टी अभी भूचाल को चरम पर ले जाना चाहती है। इसके बाद ही इस मसले पर अपना रुख सार्वजनिक करेगी।