एजेन्सी/ नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर में जहां भाजपा और पीडीपी सरकार बनाने के बेहद करीब है, दिल्ली की आप सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिखकर पूछा है कि अगर कश्मीर की सीएम बनने जा रहीं महबूबा मुफ्ती ‘भारत माता की जय’ कहने से इनकार कर देती हैं तो क्या वे पीडीपी के साथ गठबंधन जारी रखेंगे?
दिल्ली सरकार में जल, संस्कृति और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने कुल चार सवाल पूछे हैं। चिट्ठी में महाराष्ट्र विधानसभा की उस घटना का भी जिक्र है, जिसमें भाजपा, शिवसेना और कांग्रेस ने प्रस्ताव पास करके एआईएमआईएम के उस विधायक को सस्पेंड करा दिया था, जिन्होंने ‘भारत माता की जय’ नारा लगाने से इनकार कर दिया था।
मिश्रा ने लिखा है कि कुछ दिन पहले ‘रूबिया सईद की बहन महबूबा मुफ्ती’ ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और भाजपा महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर का अगला सीएम बनाने जा रही है। रूबिया दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद की दूसरी बेटी हैं जिन्हें आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था। तब रूबिया को रिहा करने के बदले पांच खूंखार आतंकियों को सरकार को छोड़ना पड़ा था।
मिश्रा ने शाह से पूछा है, ‘क्या जम्मू-कश्मीर के सीएम पद पर काबिज होने से पहले महबूबा मुफ्ती एक बार देश के सामने यह कहेंगी कि अफजल गुरु आतंकी है, अफजल गुरु मुर्दाबाद? अगर नहीं तो आप (शाह) क्यों उनके साथ सरकार बनाने के लिए अधीर हैं?’ मिश्रा ने तीसरा सवाल पूछा है, ‘क्या महबूबा मुफ्ती के दबाव में पाकिस्तान दिवस के मौके पर एक केंद्रीय मंत्री को कार्यक्रम में भेजना दुनिया के सामने देश की कमजोर छवि को पेश नहीं करता है?’
मिश्रा का आखिरी सवाल है, ‘क्या यह महबूबा मुफ्ती का दबाव नहीं है, जिसकी वजह से पठानकोट हमले की जांच करने के लिए पाकिस्तानी टीम को भारत आने की मंजूरी दी गई?’ मिश्रा ने कहा, ‘देश के एक आम नागरिक के तौर पर मुझे महसूस होता है कि भाजपा और संघ की ओर से किए गए राजनीतिक समझौतों का खामियाजा देश को भुगतना होगा।’