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केजरीवाल ने गुजरात चुनाव से बनाई दूरी, बढ़ी भाजपा की चिंता

अहमदाबाद: हालात और कुछ बातों के मद्देनजर आम आदमी पार्टी गुजरात चुनाव से दूरी बनाने के बारे में गंभीरता से सोच रही है। केजरीवाल के इस फैसले से भाजपा की सियासी सेहत पर कितना फर्क पड़ेगा? जब पंजाब और गोवा में चुनावी माहौल चरम पर थे, केजरीवाल सहित आप के तमाम नेता गुजरात चुनाव में भी हिस्सेदारी की बात कर रहे थे। तब तो केजरीवाल ने सूबे की 182 सीटों पर चुनाव लड़ने की भी घोषणा कर डाली थी। केजरीवाल की इस दूरी से फायदा किसको होगा….
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केजरीवाल को हुआ असलियत का अहसास
अभी तक आम आदमी पार्टी की ओर से एक ही बात साफ है कि यूपी की ही तरह वो हिमाचल प्रदेश का चुनाव नहीं लड़ने जा रही है। यूपी के बारे में आप की दलील रही कि उसके पास बैंडविथ नहीं थी, हिमाचल को लेकर पार्टी कह रही है कि वहां उसका सपोर्ट बेस नहीं है। केजरीवाल की दिल्ली में बढ़ी सक्रियता बता रही है कि किस तरह वो काम पर फोकस करने लगे हैं। केजरीवाल को शायद इस बात का अहसास हो गया है कि उनकी बातों से लोग ऐसी राय बनाते हैं जो उनके खिलाफ जाती है। कभी वो कहते हैं कि दिल्ली छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा और कभी कहते हैं कि पंजाब में ही खूंटा गाड़ कर डटा रहूंगा। ये बातें केजरीवाल को दिल्ली से दूर कर देती हैं। ऐसे में अगर केजरीवाल दिल्ली पर फोकस करते हैं तो आप के लिए इससे बेहतर फिलहाल तो कुछ हो नहीं सकता है। इसी को ध्यान में रखकर अब आप ने अन्य राज्यों से दूरी बनाना शुरू कर दिया है।