![केजरीवाल ने नही स्वीकार किया आशुतोष का इस्तीफा, कहा- इस जन्म में तो नहीं छोड़ेंगे तुम्हारा साथ](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2018/08/ashutosh.png)
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अरविंद केजरीवाल की इस टिप्पणी को इस अर्थ में अहम माना जा रहा है क्योंकि आशुतोष की नाराजगी उन्हीं के फैसले के कारण बताई जा रही है। दरअसल, जब पार्टी की तरफ से तीन राज्यसभा सांसदों को चुनने का वक्त आया था, तब केजरीवाल की सहमति से आशुतोष, संजय सिंह और एक अन्य उद्योगपति को राज्यसभा में भेजने की बात आई थी। लेकिन आशुतोष ने उद्योगपति को राज्यसभा भेजने पर गहरी आपत्ति जाहिर की थी। इसके बाद से ही दोनों नेताओं के बीच तल्खी बढ़ गई थी। कुछ दिनों के ही बाद आशुतोष ने एक किताब लिखने के नाम पर पार्टी की जिम्मेदारियों से खुद को मुक्त कर लिया और पार्टी ऑफिस आना बंद कर दिया।
अन्य नेताओं ने भी जताया दुख
ठीक स्वतंत्रता दिवस के पूर्व अपना इस्तीफा सौंपकर आशुतोष ने पार्टी नेताओं को सकते में डाल दिया है। दिल्ली सरकार में श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि आशुतोष पार्टी से नाराज नहीं हैं और उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है लेकिन उन्होंने कहा कि आशुतोष से बात की जाएगी और उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा जाएगा। गोपाल राय ने यह भी बताया कि आशुतोष ने एक नई जिम्मेदारी के चलते इस्तीफा दिया है।
पार्टी सांसद संजय सिंह ने आशुतोष को एक अच्छे दोस्त और एक अच्छे इंसान के रूप में बताते हुए कहा कि उन्हें उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी। उन्होंने कहा है कि आशुतोष का पार्टी से अलग होना उनके लिए किसी हृदय विदारक घटना से कम नहीं है। पार्टी के एक विधायक जनरैल सिंह ने कहा कि वे पार्टी के लिए एक अमूल्य निधि हैं, उन्होंने पार्टी के हर मंच से उसकी विचारधारा को मजबूती देने का काम किया है। पार्टी को उनसे बात करनी चाहिए और उन्हें मनाने की कोशिश करनी चाहिए।