तिरुअनंतपुरम : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आज अनशन शुरू कर दिया है। राज्यपाल का असल मकसद दहेज देने और लेने के खिलाफ समाज में जागरुकता फैलाना, महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर रोक लगाना और केरल को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाना है। यह आंदोलन आज गांधी भवन, थाइकॉड, तिरुअनंतपुरम में किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार गांधीवादी संगठनों की ओर से मिले आमंत्रण पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का निर्णय लिया। पिछले महीने ही राज्यपाल ने महिलाओं से ‘दहेज को न कहने’ की भावनात्मक अपील की थी। राजभवन में आज सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक राज्यपाल अनशन कर रहे हैं। शाम 4.30 बजे से 6 बजे तक राज्यपाल गांधी भवन में हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।
राज्यपाल कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार यह विरोध प्रदर्शन गांधी संगठन की ओर से आयोजित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि स्त्रीपक्ष केरलम सरकार की ओर से लिया गया कदम है जिसके तहत दहेज व इससे जुड़ी प्रथाओं को इनकार करना महिलाओं के सम्मान को सुनिश्चित करता है। राज्यपाल आरिफ ने कहा कि दहेज का लेन-देन अपराध है, जिसके लिए पांच साल तक की सजा है। इससे भी ज्यादा उन महिलाओं के प्रति गंभीर तौर पर अपमानजनक है जिन्होंने केरल के विकास में योगदान दिया है। उन्होंने राज्य के युवावर्ग से आगे आकर दहेज वाली शादी से इनकार करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि हम दहेज नहीं चाहते लेकिन इसे खत्म करने के लिए जागरुकता लाने और लैंगिक समानता व सामाजिक न्याय लाने में लंबा समय लगेगा। उल्लेखनीय है कि हाल में ही दहेज प्रताड़ना के कई मामले राज्य में आए और इसके बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कदम उठाए। ऐसे मामलों से निपटने के लिए एक महिला आईपीएस अधिकारी को प्रभारी के तौर पर नियुक्त किया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी ‘अपराजिता’ नाम के एक ऑनलाइन शिकायत रजिस्ट्रेशन पोर्टल की शुरुआत की जिस पर महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराधों का समाधान करेगा।