केरल बाढ़ : राष्ट्रीय आपदा नहीं बल्कि ‘गंभीर प्रकृति की आपदा’ घोषित
नई दिल्ली : केरल की विनाशकारी बाढ़ को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं करके ‘गंभीर प्रकृति की आपदा’ घोषित किया है। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को एक बयान में कहा कि केरल में बाढ़ की तीव्रता व परिमाण को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इसे गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित किया है। केरल में आई बाढ़ और भूस्खलन की प्रबलता को देखते हुए यह सभी व्यवहारिक उद्देश्यों के लिए गंभीर प्रकृति की एक आपदा है। केरल सदी की सबसे भयावह बाढ़ का सामना कर रहा है, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग विस्थापित व बेघर हो गए हैं. केरल में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 216 लोगों की मौत हुई है जबकि 7. 24 लाख विस्थापित लोगों ने 5,645 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। नायडू व महाजन ने कहा है कि उन्होंने अपने एक महीने का वेतन केरल में राहत व पुनर्वास के लिए दान करने का फैसला किया है और उन्होंने सभी सांसदों से भी एक महीने का वेतन दान करने की अपील की है।
नायडू व महाजन ने यह भी कहा कि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) के तहत एक सांसद देश के किसी भी हिस्से में गंभीर प्रकृति की आपदा में प्रभावित जिले के लिए अधिकतम एक करोड़ रुपये के कार्य की सिफारिश कर सकता है। उधर, केंद्र ने आज केरल उच्च न्यायालय को सूचित किया कि किसी भी आपदा को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने का कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है। केरल में आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किये जाने की मांगों के बीच केंद्र ने यह कहा है। केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि उसने केरल की बाढ़ को ‘गंभीर किस्म की आपदा’ माना है और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिशा-निर्देशों के मुताबिक ‘तीसरे स्तर की आपदा’ की श्रेणी में रखा है। केंद्र ने कहा कि कोई भी आपदा कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, उसे ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के मुताबिक किसी भी आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को लेकर दायर याचिका के जवाब में केंद्र की ओर से यह हलफनामा दायर किया गया है। अगर केंद्र सरकार किसी आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करती है तो उसे राहत और बचाव कार्य के लिए 100 फीसदी मदद देनी पड़ेगी, अभी तक केंद्र सरकार ने केरल को 600 करोड़ की मदद का ऐलान किया है।