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केरल में एक बार फिर निपाह वायरस ने दी दस्तक, हॉस्पिटल पहुंचे 311 लोग…

केरल के कोच्चि में मंगलवार को निपाह वायरस दस्तक दे चुका है। यहां एक 23 साल का इंजीनियरिंग स्नातक छात्र इस घातक वायरस से संक्रमित पाया गया। उसके दो दोस्तों और उनका इलाज करने वाली दो नर्सों को अलग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। केरल के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से कहा है कि वह घबराएं नहीं। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 311 लोगों को डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है। जो लोग पिछले दो हफ्तों के दौरान मरीजों के संपर्क में रहे हैं उन्हें निगरानी में रखा गया है। बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और गले में खराश होना निपाह के लक्षण हैं। इनके अलावा चक्कर आना, सुस्ती, तंत्रिका संबंधी विकार और सांस लेने में दिक्कत होना बीमारी बढ़ने की निशानी है। निपाह वायरस को खत्म करने के लिए कोई दवा या टीका नहीं है। यह वायरल 40-70 प्रतिशत संक्रमित लोगों को मार देता है। चमगादड़ों को वायरस का वाहक माना जाता है।

कोच्चि में बहुत से लोग चेहरे पर मास्क लगाए और दस्ताने पहने हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि केरल सरकार ने लोगों से ऐसा करने के लिए नहीं कहा है। कई मेडिकल स्टोर्स पर चेहरे पर लगाने वाले मास्क और दस्तानों की बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई है। डॉक्टरों का कहना है कि इस बार राज्य ने स्थिति से निपटने के लिए एक प्रोटोकॉल बनाया गया है।

कोझिकोड में बेबी मेमोरियल अस्पताल की क्रिटिकल देखभाल इकाई के प्रमुख एएस अनूप कुमार ने कहा, ‘पहले केस की पुष्टि होने से पहले वायरस के संपर्क में रहने वाले लोगों की सूची को ट्रैक किया गया था। जिन इलाकों में युवा रहते हैं या आते-जाते हैं वहां से दूसरे केस की सूचना नहीं मिली है। इसी अस्पताल में पहला मामला दर्ज हुआ था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वायरस के स्रोत की पुष्टि करना मुश्किल है क्योंकि मरीज पिछले 20 दिनों में केरल के तीन जिलों की यात्रा कर चुके थे।’

अधिकारियों ने उन तीन क्षेत्रों को स्कैन किया जहां पीड़ित ठहरे थे लेकिन उन्हें वहां फल वाले चमगादड़ या सुअर नहीं मिले। यह दोनों ही वायरस के मुख्य वाहक हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एक दिशा-निर्देश जारी करते हुए लोगों को पक्षियों के जूठे फल जैसे कि आम, अमरूद और चिकू न खाने को कहा है। वायरस के कारण फलों के निर्यातक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और उन्हें डर है कि कई देश केरल के फलों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं।

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