फीचर्डराज्यराष्ट्रीय

केरल में दस्तक देते ही आगे बढ़ा मानसून, जानें- इस बार कहां- कितनी बारिश होगी

नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने बताया कि दो दिन की देरी के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून ने गुरुवार को केरल में दस्तक देकर देश में चार महीने के बारिश के मौसम की शुरुआत कर दी है। आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल के दक्षिणी हिस्सों में पहुंच गया है। केरल में मानसून की शुरुआत सामान्यत: एक जून को होती है। मौसम विभाग ने कहा कि मानसून अगले दो दिनों में दक्षिण अरब सागर और मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, केरल के शेष हिस्सों, लक्षद्वीप, तमिलनाडु के कुछ भागों, पुडुचेरी, तटीय एवं कर्नाटक के अंदरूनी दक्षिणी हिस्सों, रायलसीमा और दक्षिण एवं मध्य बंगाल की खाड़ी की तरफ बढ़ेगा।

निजी मौसम पूर्वानुमान केंद्र, स्काईमेट ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में 30 मई को दस्तक दी थी। हालांकि, आइएमडी ने कहा कि मानसून की शुरुआत की घोषणा करने के लिए स्थितियां पूर्ण नहीं थीं। मौसम विभाग ने दक्षिण-पश्चिम मानसून 2021 के लिए अपने दूसरे पूर्वानुमान में कहा कि यह उत्तर और दक्षिण भारत में सामान्य रह सकता है। मध्य भारत में इसके सामान्य से ऊपर और पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से नीचे रहने का अनुमान है।

मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून दक्षिण अरब सागर के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप क्षेत्र, दक्षिण केरल, दक्षिण तमिलनाडु, कोमोरिन के शेष हिस्सों-मालदीव क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों में आज आगे बढ़ गया है। आईएमडी के डीजीएम डॉ एम महापात्र ने बताया की सेकेंड स्टेज में दक्षिण पश्चिम मॉनसून सीजन (जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर) 2021 के दौरान देश भर में सामान्य, सामान्य से कम और सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है।

मौसम विभाग का कहना है कि अगले 2 दिनों के दौरान दक्षिण पश्चिम मानसून दक्षिण और मध्य अरब सागर के शेष हिस्सों, केरल और लक्षद्वीप के शेष हिस्सों, तमिलनाडु और पुडुचेरी के कुछ हिस्सों, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों, रायलसीमा और दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना है। केरल में आमतौर पर दक्षिण पश्चिम मॉनसून 1 जून तक पहुंचता है। पिछले साल के आधार पर यह दस्तक देने के एक दिन बाद ही यह तेजी से पूर्वोत्तर भारत को कवर कर लेता है। जून के मध्य तक जैसे-जैसे दक्षिण-पश्चिम मानसून आगे बढ़ेगा यह पूरे महाराष्ट्र, दक्षिण गुजरात, मध्य और दक्षिण मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से और दक्षिण ओडिशा बारिश में को कवर कर लेगा। इसके साथ ही उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में भी मॉनसून की बारिश होगी। जुलाई के मध्य तक यह पूरे देश में पहुंच जाता है।

बता दें कि बिहार में किशनगंज और पूर्णिया के इलाके से होते हुए यह 12 जून के आसपास प्रवेश करता है। वहीं उत्तर प्रदेश में मॉनसून जून के तीसरे हफ्ते में दाखिल होता है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पर मॉनसून 25 जून के आसपास आता है, लेकिन इस बार देरी हो सकती है और जून अंत या जुलाई के शुरुआत में मॉनसून पहुंच जाएगा।

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि स्टैस्टिकल एन्सेंबल्ड फॉरकास्टिंग सिस्टम में मानसून के चार महीनों के दौरान औसत के 96 से 104 फीसद बारिश यानी सामान्य मानसून होने की 40 फीसद संभावना पाई गई। सामान्य से अधिक की 22 फीसद और सामान्य से कम होने की 18 फीसद संभावना है। इसी मॉडल के आधार पर उत्तर पश्चिम भारत (कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश) में मानसून के सामान्य (92-108 फीसद), मध्य भारत (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र, गोवा, ओडिशा, गुजरात) में सामान्य से अधिक (106 फीसद), दक्षिणी पठार (केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, पुडुचेरी) में सामान्य (93 से 107 फीसद) बारिश होगी। मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वोत्तर (पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारंखड, प. बंगाल, असम, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम) और मानसून कोर जोन (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तरी कर्नाटक, झारखंड) में 106 फीसद बारिश होने की संभावना बन रही है।

 

Related Articles

Back to top button