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केशव मौर्य ने कहा की हार से बहनजी की बौखलाहट उजागर हुई

गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में मिली हार का बदला भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा चुनावों से लिया. बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को कहा कि उनका और समाजवादी पार्टी का तालमेल नहीं बिगड़ेगा. इस पर सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है.केशव मौर्य का पलटवार, हार से बहनजी की बौखलाहट उजागर हुई

केशव मौर्य ने कहा कि हार से बहनजी की बौखलाहट उजागर हुई है. उन्होंने कहा कि सपा ने भीमराम अंबेडकर को माफिया कहा था. मौर्य ने कहा कि मायावती कहती हैं कि गेस्ट हाउस कांड के समय में अखिलेश राजनीति में नहीं थे, लेकिन जो उनके साथ हैं वह उनके बारे में क्या कहेंगी.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी खरीद फरोक्त की राजनीति का विरोध करती है. सपा और बसपा का स्वार्थ का गठबंधन उन्हें मुबारक हो. उन्होंने कहा कि लोकसभा में जीरो मिला, राज्यसभा में जीरो मिला और आगे भी कितने जीरो मिलेंगे, पता नहीं.

मौर्य ने मायावती को सलाह देते हुए कहा कि जो अपने पिता-चाचा का नहीं हुआ वह अपनी बुआ का कैसे होगा. मौर्य बोले कि हमारे पास 28 वोट ज्यादा थे इसलिए हमने नौवां उम्मीदवार उतारा था.

क्या बोलीं थीं मायावती?

लखनऊ में शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मायावती बोलीं कि राज्यसभा चुनाव के नतीजों से सपा-बसपा का गठबंधन जरा-सा भी प्रभावित नहीं हुआ है, थोड़ा भी नहीं. उन्होंने इस दौरान उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सलाह भी दी.

मायावती ने कहा, अखिलेश यादव कुंडा के गुंडे के जाल में फंस गए, अगर ऐसा न होता तो शायद हम यह सीट बचा लेते, मैं उनकी जगह होती तो भले ही मेरा उम्मीदवार हार जाता, मगर उनके उम्मीदवार को हारने नहीं देती. यह उनके अनुभव की कमी है, मगर मैं उनसे अनुभवी हूं इसलिए इस गठबंधन को टूटने नहीं दूंगी. मायावती ने उम्मीद जताई कि अखिलेश यादव धीरे-धीरे सियासत का तजुर्बा सीख जाएंगे.

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