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कैप्टन अमरिंदर सिंह बोले- जब मैंने नौकरी की थी तो मुझे सिर्फ 325 रुपये ही मिलते थे

पंजाब सरकार की ओर से लगाए जा रहे रोजगार मेले में युवाओं को मिल रहे कम वेतन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि नौकरी मिलने के बाद कम वेतन कोई बड़ी परेशानी नहीं है। युवा अपना लक्ष्य तय करें और अपनी मंजिल पर पहुंचें। जब मैंने आर्मी में नौकरी शुरू की थी तब पहली तनख्वाह 325 रुपये ही मिली थी। उस समय चीन की पहाड़ियों के पास जाकर ठंड में नौकरी करने पर महज 50 रुपये अतिरिक्त भत्ता मिलता था। मुख्यमंत्री पांचवें मेगा रोजगार मेले में संबोधित कर रहे थे।

बता दें कि रोजगार मेले में कंपनियों द्वारा युवाओं को कम वेतन देने का मुद्दा काफी चर्चा में है। इसी नाराजगी के चलते कई युवा नौकरी भी छोड़ चुके हैं। चमकौर साहिब में मुख्यमंत्री इसी बात का जवाब दे रहे थे। घर-घर रोजगार और कारोबार मिशन को अपनी सरकार की महत्वपूर्ण स्कीम बताते हुए कैप्टन ने घोषणा की कि बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए गांवों में रहते अति गरीबों की पहचान की जाएगी और उन्हें ढूंढकर काम दिया जाएगा। इसके लिए हर गांव से कम से कम दस अति गरीब लोगों की पहचान की जाएगी।

सीएम ने कहा कि बहुत से ऐसे नौजवानों को दस हजार रुपये प्रति माह पर नौकरी मिली है, जिन्होंने स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। इस मौके पर सांसद मनीष तिवारी, कैबिनेट मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी व विजय इंद्र सिंगला ने भी संबोधित किया।

रोजगार मेले की सफलता दर 56 फीसद

कैप्टन ने कहा कि पहले रोजगार मेले में पांच फीसद से लेकर पांचवें मेले तक इसकी सफलता दर 56 फीसद पहुंच गई है। अगस्त-सितंबर 2017 से शुरू हुई मुहिम के तहत अब तक 10.70 लाख प्लेसमेंट/भर्ती/स्वरोजगार का लक्ष्य हासिल किया जा चुका है।

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