Patna: मोदी सरकार 2.0 में कैबिनेट में JDU को हिस्सा मिल गया है. इस कैबिनेट में सिर्फ एक ही विभाग JDU को मिला है. जिसके बाद बिहार में राजनीती गरमाई हुई है. दरअसल, साल 2019 में जब सीएम नीतीश (CM Nitish kumar) दिल्ली से पटना लौटे थे, तो उन्होंने संकेतिक हिस्सेदारी को खारिज कर दिया था. लेकिन दो साल बाद अब JDU को एक सीट की हिस्सेदारी भी कबूल हो गई और आरसीपी सिंह (RCP Singh) इस्पात मंत्रालय का काम संभालेंगे.
हालांकि JDU ने अभी तक इस मसले पर कोई भी जवाब नहीं दिया है, लेकिन वो ये जरुर कह रहे है कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा का ख्याल रखा गया है. ऐसे में अब सवाल उठता है कि 2019 में ऐसा क्या नहीं था, उस वक्त भी तो प्रधानमंत्री ने JDU को ऑफर दिया था. इस मामले पर RJD का कहना है कि JDU जब भी हक मांगने जाती है, तो समझौता कर लेती है. RJD के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि कैबिनेट विस्तार में बिहार की अनदेखी हुई है.
क्या बीजेपी हुई है मजबूत
इसके बाद अब ये कयास लगाये जा रहे है कि क्या इस समय JDU की पकड़ कमजोर हुई है. विधानसभा चुनाव में BJP ने JDU से भी ज्यादा सीट हासिल की थी. जिसके बाद अब बिहार में भी बीजेपी ने अपनी पकड़ को मजबूत कर लिया है. इस वजह से भी JDU बीजेपी की बात मान सकती है.
बीजेपी ने आरोपों को नकारा
हालांकि बीजेपी ने इस तरह के आरोपों से इंकार किया है. बीजेपी के प्रवक्ता अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh) ने कहा कि विपक्ष बेवजह आरोप-प्रत्यारोप लगा रहा है. लेकिन, कांग्रेस की माने तो, नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री के सामने घुटने टेक दिए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ के मुताबिक, 2019 में JDU अनुपातिक संख्या में मंत्रिमंडल चाहती थी, लेकिन इस बार एक पर ही संतुष्ट हो गए. सियासी गलियारे में एक और चर्चा जोरों पर हैं. माना जा रहा है कि LJP से पारस को आगे के लिए JDU एक मंत्रालय पर राजी हुई है.