कैलिफोर्निया गोलीबारी: दो संदिग्धों के पाकिस्तानी मूल के होने का शक, पासपोर्ट से खुलासा
वाशिंगटन: मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि कैलिफोर्निया में हुई गोलीबारी के दोनों युवा संदिग्ध पाकिस्तानी मूल के हैं। वहीं राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लोगों से कहा है कि वे इस त्रासद घटना के बारे में जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर न पहुंचें। इस घटना में 14 लोग मारे गए थे और 17 लोग घायल हो गए थे।
सान बर्नारदिनो के पुलिस प्रमुख जैरोड बुगरुआन के अनुसार, दंपति सैयद फारूक और तशफीन मलिक ने भारी युद्धक सामग्री जुटा रखी थी, जिसमें हजारों गोलियां और दर्जन भर विस्फोटक पदार्थ थे। इसके अलावा इनके पास चार बंदूकें थीं। यह सामग्री उस अपार्टमेंट से बरामद की गई, जो इस दंपति ने किराए पर लिया हुआ था।
बुगरुआन ने कल संवाददाताओं को बताया, ‘बंदूकें वैध तरीके से खरीदी गई थीं। निश्चित तौर पर वे हथियारों से लैस थे और वे अन्य हमले को भी अंजाम दे सकते थे।’ कैलिफोर्निया में जनसमूह पर हुई गोलीबारी के प्रमुख संदिग्धों में से एक व्यक्ति ने अपनी मंगेतर के लिए अमेरिकी वीजा इस्लामाबाद से लिया था। इसके बाद वह अमेरिका आई और वहां शादी की। यह जानकारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने दी है।
विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने कल अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘उसे (तशफीन मलिक को) वीजा पाकिस्तान में मिला। मुझे यकीन है कि उसे वीजा पाकिस्तान में मिला।’ पुलिस ने कहा कि तशफीन मलिक के माता-पिता पाकिस्तान से आए प्रवासी हैं। तशफीन अपने पति सैयद रिजवान फारूक के साथ सान बर्नारदिनो में छुट्टी की पार्टी के दौरान जनसमूह पर की गई गोलीबारी में संलिप्त थी। इस गोलीबारी में 14 लोग मारे गए और कम से कम 17 लोग घायल हो गए थे। टोनर ने कहा, ‘इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास ने उसे के-1 वीजा दिया गया था, जो कि सामान्यत: मंगेतरों को दिया जाता है। सामान्य प्रक्रिया के तहत, एक बार के-1 वीजा जारी हो जाने के बाद, व्यक्ति को मंगेतर के अमेरिका पहुंचने के 90 दिन के भीतर उससे शादी करनी होती है।’