हमारे देश में महिलाओं में कैल्शियम की कमी एक आम समस्या बनती जा रही है. खानपान में बदलती आदतों के कारण अक्सर महिलाओं को कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है. खासतौर पर शहरी महिलाओं में पिछले कुछ दशकों में उनकी खाने की आदतों में बड़ा बदलाव आया है. एक ताजा स्टडी से इसका खुलासा हुआ है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक, लोग पैक खानों पर तेजी से निर्भर होते जा रहे हैं, जिसकी वजह से शरीर को संपूर्ण आहार नहीं मिल पा रहा है.
आंकड़ों के मुताबिक, 14 से 17 साल तक की लगभग 20 प्रतिशत लड़कियों में कैल्शियम की कमी पाई गई है. हमारी हड्डियों का 70 प्रतिशत हिस्सा कैल्शियम फॉस्फेट से बना होता है. यही कारण है कि कैल्शियम हमारी हड्डियों की अच्छी सेहत के लिए सब
से महत्वपूर्ण पोषक तत्व होता है. महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक कैल्शियम की जरूरत होती है, क्योंकि वे उम्र के साथ हड्डियों की समस्याओं से अधिक जूझती हैं.
डॉक्टरों की राय
आईएमए के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा –कैल्शियम के अच्छे से अवशोषण के लिए हमारे शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती है. विटामिन डी की कमी वाले लोगों में, कैल्शियम की कमी की संभावना अधिक होती है, भले ही वो कैल्शियम का भरपूर सेवन कर रहे हों. इसका कारण यह है कि शरीर आपके भोजन से कैल्शियम को अवशोषित करने में असमर्थ है.
विटामिन-डी रक्त में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है. विटामिन-डी का पर्याप्त सेवन कैल्शियम अवशोषण को बेहतर बनाने के साथ-साथ, हड्डियों की क्षति कम करता है. फ्रैक्चर का खतरा कम करता है और ऑस्टियोपोरोसिस रोग होने से रोकता है.
कैल्शियम की कमी से कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे रक्त के थक्के बनना, रक्तचाप और हृदय की धड़कन बढ़ना, बच्चों में धीमा विकास, कमजोरी और थकान.
वृद्ध महिलाओं की तुलना में युवतियों को कैल्शियम की ज्यादा जरूरत होती है. कैल्शियम की बात करें तो, 9 से 18 साल आयु वर्ग की लड़कियों को 1300 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है, जबकि 19 से 50 साल की महिलाओं को 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है. पचास साल से अधिक उम्र की महिलाओं को 1200 मिलीग्राम की जरूरत होती है.