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कैसा रहेगा आपके लिए वर्ष 2018

आपके लिए राशि अनुसार वर्ष 2018 कैसा रहेगा| इस संबंध में सभी12 राशियों का वार्षिक भविष्यफल पं.-पी.एल.गौतमाचाय बता रहे हैं| यहां प्रस्तुत हैं प्रथम छह राशियों का वार्षिक भविष्यफल- 

1. मेष राशि (एरीस) :- चू,चे,वो,ली,लू,ले,लो,अ

आपकी राशि का स्वामी मंगल है। भाग्यशाली तथा सुंदर देह वाला भाग्यवान जन्मने वाला, दया, धर्म, ईश्वर को मानने वाला भाग्य, शक्ति का बड़ा चमत्कार रखने वाला दैव योग से सदा सहायक वस्तुओं की पूजा करने वाला, स्त्री व गृहस्थ जीवन में भी गौरव रखने वाला, रोजगार में सफलता प्राप्त करने वाला, स्त्री व गृहस्थ सभी को गौरव सफलता प्राप्त करने वाला प्रभावशाली तथा तेजस्वी स्वभाव का होगा। देह के परिश्रम से आमद लाभ पाने वाला बड़े ऊँचे दर्जे की चतुराईयों से मतलब निकालने वाला अपने अंदर बहुत कामवासना वाला रोजगार का ख्याल रखने वाला स्त्री स्थान में कुछ झगड़ा व लाभ और प्रभाव पाने वाला परिवाद न करने वाला तथा झगड़े तलब मामलों का फायदा उठाने वाला तरकीब पैदा करने वाला शत्रु को दबाने वाला शृंगार रसादिक को चाहने वाला प्रभावशाली होवेगा। बड़ा भागी पुरुषार्थ मेहनत वाला भाई बहन की शक्ति पाने वाला कुछ अशांति पाने वाला कुछ अशांति पाने वाला धन उन्नति करने वाला बड़ा कारोबार करने वाला हिम्मत से काम करने वाला उत्सव युक्त स्त्री व पिता की शक्ति से सपंर्क पाने वाला देहबल बुद्धि से बहुत कारण पैदा करने वाला धन व कुटुम्ब की शक्ति व कुछ वैमनुस्यता का साथ प्राप्त करने वाला होगा। अश्वनी नक्षत्र की महिलाओं की आंखे चमकदार चुम्बकीय प्रभाव होता हैं। धनी पुत्रवान सुखदायक धैर्यवान रोजगार नौकरी में हो तो समय से पहिले सेवा निवृत्त होना पसंद करती है। क्योंकि इनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाती हैं। तथा धनसंचय की प्रवृत्ति होती हैं। 45-50 के बाद पूर्णत पूंजी अपने को परिवार कल्याण में समर्पित कर देती हैं।
मंत्र- ऊँ अंगराय नम का जाप करें

2. वृष राशि :- ई,ओ,ऐ,ओ, वा,वी,वू,वे,वो।

कृतिका, ओबारी के रोहणी वे वो मृगशिरा नक्षत्र आपकी राशि का स्वामी शुक्र हैं। इस वर्ष गोचर गृह में शुक्र उत्तम स्थान में होने से आर्थिक, व्यापारिक, बौद्धिक दृष्टि से आपका समय लाभकारी होगा किन्तु वृष राशि वालों को जिद हट तथा अड़ियल स्वभाव से बचकर चलना चाहिए। झगड़े झनझट तलब मामलों में से फायदा व आमदनी का योग पाने वाला आमदनी के संबंध में कुछ दिक्कत के साथ प्रभाव से धन प्राप्त करने वाला होगा। धन के आगमन में कमी न आने पाये किन्तु धन की कमी या रुकावटें पड़ जाये किन्तु प्रभाव में कमी न आने पाये खर्च अधिक करने वाला ननिहाल पक्ष से लाभ का योग रखने वाला होवेगा। पुत्रों के स्नेह से मित्रों के स्नेह देवताओं की सेवा से सुख प्राप्त करने वाला होता है। प्रपंच पाप कार्य में फंसने से चिंतित रहता हैं। शुक्रवार का क्रत करें तथा शिव की आराधना करायें।
मंत्र- ऊँ नम शिवाय का जाप करें।

3. मिथुन राशि :- का,की,कू,घ,के,को,ह।

का, की, मृगशिरा कू, घ, ड, छ आर्द्रा के, को, हा, पुर्नवसु नक्षत्र आपकी राशि का स्वामी बुध है। बुद्ध सप्तमेष कर्मेश ग्यारहरवें भाव में व्यय भाव में होने से खर्चीला बनायेगा। अत संयमी जीवन जीना आवश्यक हैं। शनि कष्टी गुरु मिंत्रगृहों साधारण कष्टी राहु, केतु कष्टी आयु में होने से दोनों कष्टी हैं। धनेश शनि लग्न में होने से जिद्दी हठी स्वाभिमानी बनाता हैं। बहिन भाई में अभिरुचि तथा पराक्रम में वृद्धि होगी महत्वाकांक्षा तथा नौकर का सुख मिले मित्रता व रहन सहन में वृद्धि होगी उद्योग स्थापना करने की स्थिति बनेगी। माता पिता का ख्याल रखेंगे तथा उनके स्वास्थ्य पर आपका विशेष ध्यान होगा। तथा आपका पराक्रम बढ़ेगा। आपकी तुला राशि के जातक की मित्रता तो रहेगी किन्तु आप लाभ अर्जित नहीं कर पायेंगे। मेष राशि के जातक से सतर्क रहकर कार्य करें अन्यथा हानि उठानी प़ड़ेगी। परिवार के सदस्यों से आपका बेहतर कामकाजी संबंध बनाये रखने से आपको लाभ होगा।
मंत्र- ऊँ एW ह क्लीं महा लक्ष्मै: नम

4. कर्क राशि (केंसर) :- ही,हू,हे,हो,डा,डी,डू,डे,डो।

ही पुर्नवसु हू हे हो डा पुण्य डी डू डे डो अश्लेषा वर्षारंभ में चौथे स्थान में समय समस्या का ध्यान रखें। गुरु मंगल तुला राशि में बुध वृश्चिक का बारहवें स्थान में मिथुन राशि का चंद्र भ्रमणशील है। चतुर्थ स्थान में मंगल गुरु की युति से सुख आनंद की वृद्धि होती हैं। हर एक कार्य में सफलता मिलती है। पद की प्राप्ति होती हैं। व्यवसाय में उन्नति होने की संभावना रहती हैं घर में मांगलिक उत्सव होते हैं पुत्र जन्म की संभावना रहती है, तर्कशक्ति सूझ-बूझ में वृद्धि होती हैं। सट्टे आदि भविष्य में व्यापार में लाभ होता हैं। चंद्रमा सप्तम भाव में होने से शारीरिक पीड़ा व मानसिक पीड़ा पति पत्नी में होगी किन्तु कोई बड़ी बीमारी कायम नहीं हैं। वर्ष पर्यन्त धन खर्च होगा व्यापार व्यवसाय में संघर्ष की स्थिति रहेगी। परिवार में सुख शांति रहेगी उलझन व टकराव से बचें। शुभ फल हेतु शंकर जी की पूजा करें तथा सोमवार का वृत रखें।

महामृत्युंजय मंत्र का जाप-पाठ करायें व करें।

5. सिंह राशि (लीओ) :- मू,मे,मो,टा,टी,टे,ही,हू,हे।

मा,मी,मू,मे,मघा मोटा, टी, टू, पूर्वा फाल्गुनी टे। उ.फा. आपकी राशि का स्वामी सूर्य है। व्यावसायिक व राजनैतिक दृष्टि से काफी लाभदायी साबित होगा। सहज भाव से मंगल गुरु की युति भाई व मित्र से सहयोग मिलेगा। चतुर्थ स्थान का बुध आपको लाभ पहुंचायेगा। किन्तु आपकों संयम से काम लेना होगा। आपकें जीवन की शांति गतिविधियां अपना कुछ अलग ही रंग दिखायेगी। आपका समय व्यस्तताओं से भरा हुआ हैं पर यह अपने आप में मौज मस्ती एवं परिपूर्णता से भरा जीवन होगा आपके अंतरमन की प्रेरणा से आपके सार्वजनिक कार्य सुन्दर एवं सुचारु रुप से पूर्ण होगें आप अपने कार्य क्षेत्र में कुछ नई तकनीकें अपनाने के लिए प्रयासरत् रहेंगे। और आपके हर प्रयासों को कार्यस्थल पर सहमति मिलने से आपकी कार्यशैली का थोड़ा बहुत विरोध का भी सामना करना होगा। आप विनम्र बने रहें और लोगों के साथ मैत्री पूर्ण रवैया अपनायें इससे आपकों बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। आपका व्यक्तित्व चिन्तनशील व्यवहारिक व्यक्तित्व आपके आंतरिक मूल्यों को गूढ़ अर्थ व अन्य ब्रहाण्ड की रचना और उत्पत्ति के जुड़े प्रश्न आपके जीवन मूलय भाग होगें। मनुष्य के जीवन मूल्य धन न मानकर आप रहस्यमयी भाव जीवन मूल्य धन मानकर चल रहे हैं। सिंह राशि की महिलायें जिद्दी हठी, स्वाभिमानी, चिन्तनशील अपने में खोये रहना तथा अपने काम से काम रखना तथा नौकरी पेशे में सीमित व्यवहार रखना तथा अपने कार्यो पर अडिग रहकर कार्य करना इनका स्वभाव हैं। प्रेमी भाव की महिलाएँ होती हैं।

मंत्र- ऊँ घृणि सूर्य आदित्य नम का जाप करें।

6. कन्या राशि (वर्गो) :- टा,पा,पी,पू,ष,ण,ठ,पे,पो।

टे पा पी 30 फा.पू, ष, ण, द्व हस्त पेयो चिंता नक्षत्र आपकी राशि का स्वामी बुध है। इस वर्ष आप स्वयं अपनी जिम्मेदारियों के बोझ तले दबा महसूस करेंगे। आपकी योग्यता की पहचान की वजह से आप में यह जिम्मेदारी उठाने की ताकत आयेगी। लेकिन इसका ईनाम या पुरस्कार इतनी आसानी से आपको नहीं मिलेगा क्योंकि आपकी क्षमता को कम करके आंका जायेगा यह स्थिति कार्य व्यवहार तथा परिवार दोनों के भाव समान रुप से दिखेंगे। आप अपने परिवार के बुजुर्ग सदस्य के स्वास्थ्य के बारे में भी चिन्तित रहेंगे। आप सब कुछ हासिल कर सकते हैं आप अपनी भवनाओं पर अंकुश लगाकर प्रयास करते रहें सफलता आपको निश्चय मिलेगी। यह वर्ष आपके लिए हितकर फलदायक पद प्रमोशन दिलाने वाला हैं। अधिकारी वर्ग से संपर्क तथा सहयोग लेकर चलें आर्थिक सामाजिक जिम्मेदारियों से जुड़े मामले विचार शक्तियों को पहचाने में सफल होंगे। आपकों बिल्कुल अलग तरह की योजनाओं पर कार्य करने के लिए दिशा निर्देश मिलेगा। कन्या राशि की महिलायें जिज्ञासु है तथा बड़ी जल्दी विश्वास करके भावुक हो जाती हैं आपकों समय व स्थिति का ध्यान रखकर कार्य करना हितकर होगा अन्यथा आपके साथ छलावा होगा तन, मन, धन, की व्यवस्था सांसारिक मूल्यों में कम होगी। विद्यार्थियों के लिए वर्ष उत्तम फलदायी हैं किन्तु आपका स्वभाव खर्चीला होगा मित्रों की शोहबत में घुमक्कड़ होकर आप अपनी शिक्षा का नुकसान उठायेंगे। अत खलु मित्रों से दूर रहकर अध्ययन करें।
मंत्र- ऊँ बुध बुधाय नम का जाप करें।

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