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कैसे मिलेगा बीएड में प्रवेश, पात्रता नियम तय नहीं

student-shimla-5620734890687_exlstदस्तक टाइम्स एजेंसी/बाहरी राज्यों के विश्वविद्यालयों में साइंस विषयों में पीजी कोर्स की पढ़े विषयों की पात्रता पूरी न करने पर प्रवेश न मिलने के बाद, अब बीएड में प्रवेश पर भी संशय बन रहा है। एमएससी की तरह बीएड कोर्स के लिए पढ़े सब्जेक्ट कांबिनेशन के मुताबिक छात्र पात्र होगा भी या नहीं इस पर संशय है। अभी इसके नियम बने ही नहीं है।

एचपीयू प्रदेश सरकार के आदेशों का ही इंतजार कर रही है। मार्च अंत तक बीएड में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होनी है। समय रहते सब्जेक्ट कांबिनेशन और पात्रता की शर्तों पर फैसला न हुआ तो छात्र बीएड में प्रवेश लेने से भी वंचित रह सकते हैं। सरकार और कुलपति की ओर से भी इस संदर्भ में एचपीयू के शिक्षा विभाग को कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।

एनसीटीई ने प्रदेश की सरकारों को ही स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत, आरएंडपी रूल के मुताबिक ही बीएड के विषय और पात्रता शर्तें तय करने की छूट दे रखी है। पूर्व में भी सरकार ही नियुक्ति और पदोन्नति नियमों के मुताबिक बीएड कोर्स पर आदेश देती रही है।

यूजी में सीबीसीएस नए सिस्टम से पास आउट होकर आने वाले पहले बैच के बीएड कोर्स को प्रवेश लेने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले, इस संदर्भ में एचपीयू को दिशा निर्देश आने के बाद ही तय होगा कि बीएड कोर्स को कौन पात्र होंगे, यूजी डिग्री में छात्र को कौन से विषय पढ़े होने की अनिवार्य शर्तें रहेंगी। इसके बाद ही सूबे के सौ निजी और सरकारी कॉलेजों की करीब 8,500 सीटें भरे जाने को प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।

राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ महासचिव राम लाल शर्मा, अकादमिक सचिव डॉ. जोगेंद्र सकलानी ने रूसा हाई पॉवर कमेटी की बैठक में भी प्रमुखता से यह मुद्दा उठाया। वर्ष 2013 में यूजी में रूसा सीबीसीएस लागू होने के बावजूद एचपीयू ने आज तक अपनी यूजी डिग्री को अन्य विश्वविद्यालयों में मान्यता दिलवाने या उसे ईयर सिस्टम के समकक्ष घोषित करवाने को कोई होमवर्क

नहीं किया। शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रो. सुदर्शना राणा का कहना है कि बीएड प्रवेश की तैयारी चल रही है, मगर रूसा सीबीसीएस से यूजी डिग्री लेकर आने वाले छात्रों की पात्रता और प्रवेश प्रक्रिया के लिए कुलपति और प्रदेश सरकार के आदेशों का इंतजार है।

सबसे पहले रूसा सीबीसीएस को यूजी में लागू करने पर वाहवाही बटोरने और केंद्र से करोड़ों के बजट के चक्कर में इन नए सिस्टम के तहत पास आउट होने वाले पहले बैच के छात्रों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। बात सिर्फ दूसरे विश्वविद्यालयों में पीजी कोर्स में प्रवेश लेने तक सीमित नहीं है, यह सीधे इस बैच के हजारों छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर रही है।

राष्ट्रीय स्तर पर स्नातक डिग्री शैक्षणिक योग्यता वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एचपीयू की यह रूसा डिग्री कैसे मान्य होगी। इस डिग्री को मान्य करार देने को सिर्फ यूजीसी से बात करने या फिर यूजीसी से सभी विश्वविद्यालयों को सर्कुलर जारी करवा देने भर से संकट हल नहीं होगा। एचपीयू प्रशासन और प्रदेश की सरकार तक को केंद्र सरकार के समक्ष रूसा सीबीसीएस यूजी डिग्री को मान्यता दिलवाने के लिए मामला उठाना पड़ेगा।

केंद्र सरकार जब इसे मान्य करार देगी तो ही केंद्रीय विभाग और अन्य प्रदेशों की सरकारें स्नातक की डिग्री को मान्यता देगी। आर्मी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस, आईटीबीपी, एअर फोर्स सहित उन तमाम नौकरियों के लिए प्रदेश का छात्र तब ही पात्र होगा जब उसकी इस डिग्री को केंद्र सरकार मान्यता देगी।

इसलिए पहले और संभवत: दूसरे बैच के पास आउट होने वाले यूजी सीबीसीएस के हजारों छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की सरकार और विश्वविद्यालय को इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर यूजीसी के साथ केंद्र सरकार के समक्ष उठाना होगा, और इसका स्थाई समाधान निकालने को दबाव बनाना होगा। ऐसा करने पर ही प्रदेश के युवा छात्र स्नातक डिग्री

आधार पर होने वाली राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पात्र होंगे। अपने बच्चों की डिग्री की मान्यता पर उठने लगे सवाल और दूसरे विश्वविद्यालयों में प्रवेश न मिलने से इन हजारों छात्रों के अभिभावक भी परेशान है, उनकी रातों की नींद हराम हो गई है। अब उनके बच्चे चाहे भी तो रोजगार के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पात्र नहीं होंगे।

चपीयू की यूजी सीबीसीएस के पहले बैच को अन्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश न मिलने और डिग्री की मान्यता पर बने संशय पर एबीवीपी ने भी प्रदेश सरकार और विवि प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की विवि इकाई ने वीरवार को परिसर में रूसा के विरोध में धरना- प्रदर्शन किया। पुस्तकालय के बाहर किए गए इस प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने विवि प्रशासन और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

इस दौरान इकाई अध्यक्ष गौरव अत्री और सचिव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के युवाओं पर आए इस संकट के लिए पूरी तरह से सरकार और विवि के कुलपति जिम्मेदार है। बिना तैयारी और बिना आधारभूत सुविधाओं के प्रदेश भर में लागू किए गए इस नए सिस्टम के कारण आज छात्रों की डिग्री और उनके भविष्य पर संकट मंडरा रहा है।

प्रांत मंत्री आशीष सिक्टा और आरती महाजन, राहुल, अभिमन्यु, पूजा महाजन ने कहा कि यूजी डिग्री के पहले बैच के छठे सेमेस्टर में पहुंचे छात्रों के पीजी कोर्स के लिए अन्य विश्वविद्यालयों में फार्म जमा नहीं हो पा रहे हैं। छात्रों ने जो विषय पड़े हैं, उसके आधार पर वे पीजी कोर्स के लिए पात्र ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह सब छात्रों को प्रदेश सरकार और विवि प्रशासन के रूसा के माध्यम से मिलने वाली करोड़ों की ग्रांट के चक्कर में किया गया है, आज छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित है।

उन्होंने कुलपति से कहा कि यूजीसी से सिर्फ बात कर काम नहीं चलेगा, कुलपति तय समय सीमा दें कि कब तक वे यूजीसी से सभी विश्वविद्यालयों को एचपीयू की सीबीसीएस यूजी की डिग्री को मान्य करार दिए जाने के निर्देश जारी हो जाएंगे, ताकि छात्रों को उनमें प्रवेश लेने में कोई परेशानी पेश न आए। सिक्टा ने चेताया कि यदि इस मामले को जल्द हल न निकला तो एबीवीपी प्रदेश भर में उग्र आंदोलन खड़ा करेगी।

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