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कॉप सम्मेलन : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा—भारत पानी बचाने के लिए कदम बढ़ा चुका है

नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र के कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज यानी कॉप के 14वें अधिवेशन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत दो साल के कार्यकाल के लिए सीओपी प्रेसीडेंसी को संभालने के लिए एक प्रभावी योगदान देने के लिए भी तत्पर है। आप सभी का भारत में स्वागत करता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम अपनी धरती को मां मानते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के संस्कारों में धरती पवित्र है, हर सुबह जमीन पर पैर रखने से पहले हम धरती से माफी मांगते हैं। आज दुनिया में लोगों को क्लाइमेट चेंज के मसले पर नकारात्मक सोच का सामना करना पड़ रहा है, इसकी वजह से समुद्रों का जल स्तर बढ़ रहा है, बारिश, बाढ़ और तूफान हर जगह इसका असर देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने इस मसले पर तीन बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया है, इससे हमारी कोशिशों के बारे में दुनिया को पता लगता है। मोदी ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और भूमि क्षरण के मसले पर दुनिया में कई कदम उठाने को तैयार है। आज दुनिया में पानी की समस्या काफी बढ़ी है, दुनिया को आज पानी बचाने के मसले पर एक सेमिनार बुलाने की जरूरत है जहां पर इन मसलों का हल निकाला जा सके। भारत पानी बचाने, पानी का सही इस्तेमाल करने की ओर कदम बढ़ा चुका है।

भारत ने ग्रीन कवर (पेड़ों की संख्या) को बढ़ाया, 2015-2017 के बीच भारत का जंगल का एरिया बढ़ा है। इससे पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि भारत सरकार की आेर से जलवायु परिवर्तन के मसले क्या कदम उठा रही है। जावड़ेकर ने कहा कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में टाइगर रिजर्वेशन के नंबरों का खुलासा किया है। दुनिया के 77 फीसदी वाइल्ड टाइगर आज भारत में रहते हैं, जो हमारे लिए गर्व की बात है। इस मौके पर सेंट विसेंट के प्रधानमंत्री भी मौजूद थे। इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और बढ़ते रेगिस्तान पर चिंतन किया जा रहा है। करीब 80 देशों के मंत्री, वैज्ञानिक और स्वयंसेवी संस्थाएं भाग ले रही हैं।

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