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कॉल ड्रॉप की समस्या क्यों नहीं हल हो सकती?-सुप्रीम कोर्ट

phpThumb_generated_thumbnail (35)दस्तक टाइम्स एजेंसी/नई दिल्ली-सुप्रीम कोर्ट ने सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया की याचिका मंजूर कर ली है। इस याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के अक्टूबर 2015 में दिए गए उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें कहा गया है कि कॉल ड्रॉप हुई तो सेल्युलर कंपनी को ग्राहक को हर्जाना देना पड़ेगा।

याचिका मंजूर करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सेल्युलर ऑपरेटर्स से यह भी पूछा कि कॉल ड्रॉप की समस्या आखिर ठीक क्यों नहीं हो सकती।

मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कंपनियों से कहा कि कॉल ड्रॉप की समस्या के चलते आपको ग्राहकों को करोड़ो रुपए हर्जाना देना पड़ेगा। आप खुद इस समस्या को ठीक क्यों नहीं करते। जिससे आप हर्जाना देने से बच सकें।

आप को बता दें कि 16 अक्टूबर 2015 को ट्राई ने निर्देश जारी किए थे कि कॉल ड्रॉप की स्थिति में टेलीकॉम कंपनी ग्राहक को एक कॉल ड्रॉप के लिए एक रुपया देगी और दिन भर में तीन कॉल ड्राप्स का हर्जाना कंपनी को देना होगा।

वही कंपनी का कहना है कि ऐसा करने से कंपनी पर हर साल 54,000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ जाएगा।

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