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कोरोनाकाल में 28 फीसदी बढ़ा ऑनलाइन साइबर फ्रॉड, देश को 25 हजार करोड़ का नुकसान

मुंबई. कोरोनाकाल में हेल्थ और फाइनेंस के साथ साथ कई तरह की नई नई समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं. इन्हीं समस्याओं में से एक है ऑनलाइन साइबर फ्रॉड का तेजी से बढ़ना. कोरोनाकाल में देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन का चलन बढ़ने के साथ ऐसे लेन-देनों में धोखाधड़ी के केस भी 28 फीसदी तक बढ़े हैं.

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर फ्रॉड की घटनाओं से देश को पिछले साल तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. बीते वित्त वर्ष देश में साइबर फ्रॉड से सबसे अधिक 6-7 हजार करोड़ रुपए का नुकसान दिल्ली को हुआ. इसके बाद मुंबई (5-6 हजार करोड़) और गुजरात (4-5 हजार करोड़) और गुजरात (4-5 हजार करोड़) क्रमश दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं. ग्लोबल इन्फॉर्मेशन कंपनी ट्रांसयूनियन की एक रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है.

रिपोर्ट के मुताबिक इंटेलिजेंस आधारित बिजनेस के लेन-देन में सबसे अधिक साइबर फ्रॉड हुए हैं. भारत में सर्वाधिक नुकसान लॉजिस्टिक सेक्टर में लगी है. इस सेक्टर में डिजिटल फ्रॉड सबसे अधिक 224% बढ़ा है. इन्फॉर्मेशन सर्विसेज कंपनी एक्सपीरियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में covid19 महामारी के दौरान कारोबारी जगत ने 46 प्रतिशत ज्यादा साइबर फ्रॉड की चुनौती देखी.कोरोनाकाल में बढ़े ऑनलाइन फ्रॉड

कोरोना संकट के चलते लोगों ने ऑनलाइन खरीदारी को प्राथमिकता दी. इस सहज वृद्धि के साथ साइभर फ्रॉड के केस भी कई गुना बढ़ गए. कोरोना से पहले कुल साइबर फ्रॉड में ऑनलाइन खरीदारी से जुड़े फ्रॉड की हिस्सेदारी 5 से 7 फीसदी थी, जो अब बढ़ कर करीब 20 फीसदी हो गई है.

सबसे अधिक साइबर ठगी लॉजिस्टिक्स और टेलिकॉम सेक्टर में बढ़ी है. लॉजिस्टिक्स सेक्टर में जहां 224 प्रतिशत फ्रॉड बढ़ा, वहीं टेलिकॉम सेक्टर में 200 फीसदी ठगी बढ़ी है. फाइनेंशियल सर्विसेज में 90 प्रतिशत, मैन्युफैक्चरिंग में 20 फीसदी और कॉरपोरेट में 15 फीसदी फ्रॉड बढ़े हैं.

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