नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन की एक खुराक भी मौत को रोकने में प्रभावी है। वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि टीकाकरण का दायरा तेज होने से बड़ी आबादी में मौत की आशंका को कम किया जा सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय महामारी रोग संस्थान (एनआईई) के संयुक्त अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार भारत में उच्च जोखिम वाले समूहों में मौतों को रोकने में वैक्सीन प्रभावी है।
एक फरवरी से 14 मई के बीच तमिलनाडु पुलिस के 1,17,524 जवानों पर किए इस अध्ययन को तीन अलग अलग समूह में किया गया। पहले समूह में 17,059 जवानों को लिया गया जिन्हें वैक्सीन नहीं मिली थी। इस समूह में देखा गया कि 20 जवानों की संक्रमण के चलते मौत हुई। जबकि दूसरे समूह में शामिल 32,792 जवानों में सात लोगों की मौत हुई। इन लोगों को वैक्सीन की एक खुराक दी गई थी। वहीं वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके तीसरे समूह में शामिल 67,673 लोगों में चार लोगों की मौत हुई है।
दो खुराक से 95 फीसदी सुरक्षा
इस आधार पर अध्ययन में निष्कर्ष निकाला है कि एक खुराक देने के बाद 82 फीसदी तक मौत की आशंका को कम किया जा सकता है। जबकि दोनों खुराक लेने के बाद 95 फीसदी तक मौत की आशंका कम हो सकती है।