कोरोना लॉकडाउन में गरीबों और मजदूरों को कैश व अनाज दे सरकार- पी.चिदंबरम
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कोरोना लॉकडाउन में गरीबों और मजदूरों के सामने खड़ी हो रही भूख की चुनौती को देखते हुए तत्काल कदम उठाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हालत ऐसे हो रहे हैं कि नगदी खत्म होने के बाद बड़ी संख्या में लोग पके हुए भोजन के लिए लाइन में लग रहे हैं और इस हालत में कोई निष्ठुर सरकार ही मदद की घोषणा से परहेज करेगी।
मजदूर फ्री भोजन लेने के लिए लाइनों में खड़े होने को मजबूर
नगदी के साथ अनाज देने की गति बढ़ाने की अपील करते हुए चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि इस बात के काफी सबूत हैं कि ज्यादातर लोगों के पास कैश खत्म हो गया है। इसीलिए वे मुफ्त में पका हुआ भोजन लेने के लिए लाइनों में खड़े होने को मजबूर हैं।
सरकार गरीबों और मजदूरों को नकदी देकर उनकी गरिमा की रक्षा कर सकती है
चिदंबरम ने कहा कि सवाल उठाया कि क्यों नहीं सरकार इनलोंगों को भूख से बचा सकती है? ऐसे लोगों को नगद सहायता दिए जाने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार हर गरीब परिवार को नकदी हस्तांतरित करके उनकी गरिमा की रक्षा क्यों नहीं कर सकती है?
गरीब परिवारों को अनाज मुफ्त में वितरित करे सरकार,
पूर्व वित्तमंत्री ने एफसीआइ गोदामों में अनाज के पर्याप्त भंडार का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि क्यों नहीं एफसीआइ के पास पड़े 77 मिलियन टन अनाज का एक छोटा सा हिस्सा उन परिवारों को मुफ्त में वितरित किया जा सकता है जिन्हें भोजन दिए जाने की जरूरत है। चिदंबरम ने कहा कि ये दोनों प्रश्न आर्थिक और नैतिक दोनों हैं और प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री दोनों इनका जवाब नहीं दे पाए हैं और देश असहाय होकर निहार रहा है।
छोटे व मझोले उद्योगों के लिए विशेष राहत पैकेज की जरूरत है
लॉकडाउन में गरीबों को मुफ्त अनाज और नगद दिए जाने की लगातार मांग कर रहे चिदंबरम छोटे व मझोले उद्योगों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा किए जाने की भी पैरोकारी कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को वरिष्ठ नेताओं की कोरोना संकट को लेकर जो समन्वय समिति बनाई है उसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ चिदंबरम भी शामिल हैं।