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कोरोना वायरस : ईरान में छ: हजार से अधिक भारतीय फंसे

नई दिल्ली : सरकार ने आज देश को आश्वस्त किया कि वह कोरोना वायरस के कारण विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को प्राथमिकता के आधार पर स्वदेश लाने के लिए प्रतिबद्ध है और ईरान के बाद इटली में फंसे भारतीयों की वापसी भी सुनिश्चित की जाएगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोरोना वायरस के कारण ईरान में फंसे भारतीयों के बारे में गुरुवार को लोकसभा में स्वत: दिये गये वक्तव्य के बाद सदस्यों के स्पष्टीकरण मांगे जाने पर कहा कि सरकार प्राथमिकता केे आधार पर उन देशों से नागरिकों को पहले लायेगी जहां कोरोना का प्रकोप ज्यादा है। अभी ईरान और इटली की स्थिति ज्यादा चिंता का विषय है इसलिए सरकार का फोकस इन दोनों देशों पर पहले रहेगा। डॉ. जयशंकर ने कहा कि ईरान के विभिन्न प्रांतों में 6000 से अधिक भारतीय फंसे हैं जिनमें मुख्य रूप से लद्दाख और जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेशों तथा महाराष्ट्र के 1100 तीर्थयात्री, जम्मू और कश्मीर के 300 छात्र, केरल, तमिलनाडु और गुजरात सहित देश के विभिन्न हिस्सों के लगभग 1000 मछुआरे और ऐसे लोग शामिल हैं जो अपनी जीविका और धार्मिक अध्ययन के लिए ईरान में रह रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान से 58 भारतीय नागरिकों को मंगलवार को ही वापस लाया गया है और दो सौ से अधिक अन्य लोगों को लाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अब इटली में आज एक मेडिकल टीम भेजी जा रही है जो वहां फंसे भारतीयों की जांच करेगी जिससे कि उन्हें वापस लाया जा सके। उन्होंने कहा कि इन दोनों ही देशों में स्थानीय स्तर पर जांच में लंबा समय लग रहा है इसलिए भारत अपनी खुद की जांच टीम वहां भेज रहा है जिससे नागरिकों को वापस लाया जा सके। इटली से लोगों को लाने के लिए उनके पास कोरोना से मुक्त होने का प्रमाण पत्र जरूरी है इसलिए यह कदम उठाया गया है। इस बारे में पहले भी परामर्श जारी किया गया था। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हाल ही मैंने श्रीनगर का दौरा किया और ईरान में फंसे छात्रों के माता-पिता से मिला। मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उनके बच्चों को जल्द से जल्द वापस लाएगी। मैं सदन को बताना चाहूंगा कि इन छात्रों की सैंपलिंग आज से शुरू कर दी गई है।
जयशंकर ने कहा कि भगवंत मान जी ने पंजाब के 30 छात्रों के इटली एयरपोर्ट पर फंसे होने का मुद्दा उठाया था। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि केवल 30 छात्र नहीं हैं वहां बल्कि देश के अलग अलग हिस्सों के लोग फंसे हैं। हमें कोई हल निकालकर उन्हें वापस लाना है। इस बात को आपको समझना होगा कि हम उन्हें बिना टेस्ट किए नहीं ला सकते हैं। देश के लोगों को चिंता करना मेरी जिम्मेदारी है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया है। दुनिया भर में 126,000 से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और 4,624 लोगों की मौत हो चुकी है।

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