अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोना से चीन में मरने वालों की संख्या 1000 के पार, 4000 से ज्यादा नए केस आए सामने

चीन में कोरोनावायरस का कहर लगातार जारी है। इससे मरने वालों की संख्या 1016 हो गई है। इसके साथ ही 4000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। ऐसे में इस वायरस से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या अब तक 42,600 तक पहुंच गई है।

इससे पहले चीन में कोरोना वायरस से रविवार को एक ही दिन में 97 लोगों की मौत हो गई जो कि एक दिन में हुई सबसे अधिक मौतों का आंकड़ा था। वहीं रविवार को 4008 नए केस सामने आए, जिसमें 296 मरीजों की हालत काफी गंभीर थी। रविवार को ही 3281 लोगों में संक्रमण खत्म होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब तक 40 हजार से अधिक केस सामने आ चुके हैं। 27 देशों में यह वायरस दस्तक दे चुका है।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मास्क पहनकर लिया जायजा
चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग सोमवार को मास्क पहन कर यहां बने कोरोना वायरस शोध केंद्र में पहुंचे और इस बीमारी पर नियंत्रण पाने के उपायों पर चल रहे कामकाज का जायजा लिया। इस बीमारी के सामने आने के बाद राष्ट्रपति पहली बार इस वायरस से निपटने में जूझ रहे लोगों से मिले हैं। वह इस दिशा में चोयांग जिले में शोध के लिए बने केंद्र पर पहुंचे थे। सरकारी जानकारी के अनुसार राजधानी में सोमवार को कामकाज पटरी पर लौटने लगा है।

मोदी के खत के जवाब में चीन ने कहा धन्यवाद
पीएम मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को मदद को लेकर लिखे खत पर चीन ने जवाब दिया है। चीन ने इस कदम को भारत-चीन की गहरी दोस्ती का प्रतीक बताया । चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत की ओर से कोरोना वायरस को लेकर जो समर्थन की बात कही गई, उसके लिए हम धन्यवाद करते हैं।

भारत का ऐसा कहना चीन के साथ उसकी गहरी दोस्ती को दर्शाता है। हम भारत और दुनिया के सभी देशों के साथ काम करने को तैयार हैं, ताकि इस वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ सके। बता दें कि रविवार को मोदी ने जिनपिंग को चिट्ठी लिखी थी।

इसमें अभी तक कोरोना वायरस की वजह से चीन में हुए नुकसान पर अफसोस जाहिर किया गया था और भारत की ओर से किसी भी तरह की सहायता की पेशकश की थी। अपने खत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हुबेई प्रांत से भारतीय नागरिकों को निकालने में चीनी सरकार के द्वारा की गई मदद का सराहना की थी।

डर की मानसिकता बन रही है: जावेड़कर
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस को लेकर भय की मानसिकता बन रही है। उन्होंने इस सुझाव को खारिज कर दिया कि प्रवासी पक्षी इसके फैलने का कारण हो सकते हैं। गुजरात में अगले सप्ताह आयोजित होने वाले जंगली जानवरों के प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर कन्वेंशन ऑफ पार्टीज (सीओपी) के 13 वें सम्मेलन से पूर्व जावड़ेकर ने कहा कि प्रवासी पक्षियों और वायरस के बीच कोई संबंध नहीं है। जहां तक पक्षियों और जानवरों की बीमारियों या वायरस का सवाल है, सम्मेलन इन मुद्दों पर चर्चा करेगा।

50 हजार पीपीई किट के बरक्स मौजूद हैं 20 हजार किटें
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस की समस्या को देखते हुए डॉक्टरों और चिकित्सा स्टाफ के लिए कम से कम 50,000 व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट की आवश्यकता का अनुमान लगाया है। हालांकि अभी आधी से भी कम किटें मौजूद हैं।

पीपीई में मास्क, आंखों की आई शील्ड, जूते का कवर, गाउन और दस्ताने शामिल होते हैं जो डॉक्टर मरीजों का इलाज करते समय पहनते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार अभी तक, पीपीई सहित लॉजिस्टिक्स के पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध हैं।

राज्य सरकारों को भी इस मुद्दे पर आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। वर्तमान में पीपीई की कमी जैसा कोई संकट नहीं है। लेकिन, पहले से ही पर्याप्त मात्रा में पीपीई रखना एक बेहतर तरीका है। भारत में कुछ ही कंपनियां हैं जो पीपीई के विनिर्माण, निर्यात और आयात से संबंधित हैं।

 

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