लखनऊ : केजीएमयू प्रशासन ने कोरोना से लड़ाई में अहम कदम उठाया है। केजीएमयू के 70 प्रतिशत वार्ड खाली कराने का फैसला हुआ है। खून व रेडियोलॉजी की जांच के लिए दो माह बाद की तारीख देने के निर्देश दिए गए हैं। केजीएमयू में 4500 बेड हैं। ज्यादातर बेड हमेशा भरे रहते हैं। कोरोना के मद्देनजर शुक्रवार को केजीएमयू में टास्क फोर्स की बैठक हुई। प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक 70 प्रतिशत वार्ड खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। न्यूरो सर्जरी, दिल समेत दूसरे विभागों में गंभीर मरीज ही रहेंगे। मेडिसिन समेत दूसरे विभाग खाली कराए जाएंगे। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने डिजिटल ओपीडी शुरू करने का फैसला किया गया है। इसके लिए सभी विभागों के दो डॉक्टरों के फोन नम्बर मांगे गए हैं। आईसोलेशन वार्ड में पोर्टबल एक्सरे का प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा इंडोक्राइन सर्जरी विभाग की ओपीडी पूरी तरह से बंद कर दी गई है। यदि वेंटिलेटर की जरूरत किसी मरीज को पड़ रही है तो उसे पीजीआई रेफर किया जाए।
केजीएमयू के आरआईसीयू, क्रिटिकल केयर मेडिसिन के आईसीयू का भी इस्तेमाल कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के लिए किया जाएगा। इसलिए विभागाध्यक्ष आईसीयू के बेड खाली रखें। सरकार ने राजधानी में कोरोना वायरस के इलाज के लिए छह अस्पतालों को नामांकित कर रखा है। इसमें कानपुर रोड स्थित लोकबंधु राजनारायण संयुक्त अस्पताल, सिविल, बलरामपुर, केजीएमयू, लोहिया संस्थान और पीजीआई शामिल है। अभी सिर्फ केजीएमयू में ही सभी मरीजों और संदिग्धों की जांच की जा रही है।