कोर्ट ने खारिज की ‘बदायूं कांड’ में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट
दस्तक टाइम्स/एजेंसी: बदायूं: उत्तर प्रदेश के बदायूं स्थित कटरा सआदतगंज गांव में पिछले साल दो चचेरी बहनों के शव संदिग्ध हालात में पेड़ पर फांसी से लटकते पाए जाने के मामले में सीबीआई द्वारा पेश की गई अंतिम रिपोर्ट को बुधवार को एक स्थानीय अदालत ने खारिज कर दिया।
वादी पक्ष के अधिवक्ता कौकब हसन नकवी ने बताया कि विशेष पाक्सो अदालत ने सीबीआई की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए उसकी अन्तिम रिपोर्ट को खारिज कर दिया है और मामले के मुख्य आरोपी पप्पू यादव को अगली सुनवाई की तारीख को तलब किया है। अगली तारीख की जानकारी कल ही मिल सकेगी।
चर्चित कटरा सादतगंज काण्ड में पाक्सो अदालत ने गत 16 अक्तूबर को अंतिम बहस के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बुधवार को 25 पन्नों का वह फैसला सुनाया।
मामले के वादी तथा कांड की शिकार हुई लड़कियों में से एक के पिता ने अदालत के निर्णय पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्हें तथा उनके परिवार को अदालत पर पूरा भरोसा था। आज सचाई और इंसाफ की जीत हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई इस मामले के दोषी लोगों को बचाने की कोशिश कर रही थी।
उल्लेखनीय है कि अदालत को इस मामले में गत 7 सितम्बर को बहस पूरी होने के बाद 18 सितम्बर को फैसला सुनाना था। बाद में कुछ बिन्दुओं पर आपत्ति की वजह से 6 अक्तूबर को आपत्तियों पर बहस के बाद उसी दिन निर्णय होना था, लेकिन 6 अक्तूबर को सीबीआई के अधिवक्ता अदालत में पेश नहीं हो सके थे।
ज्ञातव्य है कि पिछले साल 27-28 मई की रात को उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा सआदतगंज गांव में दो चचेरी बहनों की बलात्कार के बाद हत्या करके शवों को पेड़ पर फांसी से लटकाये जाने के आरोप में तीन सगे भाइयों पप्पू यादव, अवधेश तथा उर्वेश के अलावा दो पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार किया गया था।
यह मामला 12 जून 2014 को सीबीआई के सुपुर्द किया गया था। लगभग छह माह की जांच के बाद एजेंसी ने इस मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी जिसमें पांचों आरोपियों को बेगुनाह मानते हुए दोनों किशोरियों द्वारा आत्मग्लानि की वजह से आत्महत्या करना साबित किया गया था। जांच एजेंसी की इस रिपोर्ट के विरोध में पीड़ित पक्ष ने पाक्सो अदालत में अर्जी दाखिल की थी।