पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने न्यायपालिका की छवि धूमिल करने की कोशिश की
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कोलकाता उच्च न्यायालय ने 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। ममता पर यह जुर्माना उनकी चुनाव याचिका की सुनवाई से जस्टिस कौशिक चंदा की बेंच को हटाने की मांग के बाद लगाया गया है। ममता ने जस्टिस चंदा पर भाजपा से संबंधों का आरोप लगाया था। अदालत ने मामले में टिप्पणी करते हुए यह भी कहा कि ममता बनर्जी ने न्यायपालिका की छवि धूमिल करने की कोशिश की है। इससे पहले याचिका दायर करते समय ममता की ओर से कहा गया था कि जस्टिस चंदा की कथित फोटो सामने आई है, जिसमें वह भाजपा नेताओं के साथ दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में उन्हें इस केस से हट जाना चाहिए।
बीते दो मई को देश के 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आए थे। बंगाल में ममता नंदीग्राम सीट पर भारतीय जनता पार्टी के शुभेंदु अधिकारी से 1956 वोटों से हार गईं। नतीजे के दिन ही ममता ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की, जिसे चुनाव आयोग ने नहीं माना। इसके बाद चुनावी नतीजों के खिलाफ ममता कोलकाता हाईकोर्ट चली गईं।
याचिका में उन्होंने शुभेंदु अधिकारी पर चुनाव में रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार और धर्म के आधार पर वोट मांगने के आरोप लगाए हैं और चुनाव रद्द करने की मांग की। नंदीग्राम में हार के बाद ममता ने बीते 7 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह था कि वह चुनाव कहां से लड़ेंगी। आखिरकार, उनकी पारंपरिक सीट भवानीपुर से जीते टीएमसी के विधायक शोभन देव चटर्जी ने इस्तीफा दे दिया।