पार्क स्ट्रीट मामले में तीन आरोपियों को 10 साल की सज़ा
कोलकाता: कोलकाता के सुज़ैट जोर्डन गैंग रेप मामले में विशेष सरकारी वकील शरबानी रॉय को पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने वकीलों की पैनल लिस्ट से बाहर कर दिया है। गौरतलब है कि 2012 में पार्क स्ट्रीट में हुए सामूहिक बलात्कार मामले के तीन आरोपियों को 10 साल की सज़ा सुनाए जाने की कुछ ही घंटों बाद शरबानी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। बताया जा रहा है कि शरबानी ने कोर्ट में कथित रूप से यह कह दिया था कि ‘यह तीनों आरोपी क्योंकि असल अपराध में सीधे तौर पर शामिल नहीं है इसलिए इन्हें 10 साल की ‘न्यूनतम’ जेल होनी चाहिए।’कोर्ट ने भी सरकारी वकली की बात को मद्देनज़र रखते हुए यही फैसला सुनाया और तीनों को 10 साल के कठिन कारावास की सज़ा सुनाई गई। जबकि सामुहिक बलात्कार मामले में अधिकतम सज़ा आजीवन कारावास की होती है। इस फैसले के कुछ घंटो बाद ही राज्य के कानून मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा ‘सरकारी वकील कैसे बता सकती है कि कितनी सज़ा सही होगी? उनका काम सरकार की तरफ से लड़कर आरोपियों को दोषी साबित करना था। बिना किसी निर्देश के उन्होंने अपनी राय कोर्ट में रखी, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए उन्हें सरकारी पैनल से भी हटा दिया गया है। उनके लगता है कि इस मामले में न्यूनतम सज़ा काफी है।’
इस पर सरकारी वकील ने पलटवार करते हुए कहा – मुझे परवाह नहीं है कि सरकार नाराज़ है। मैंने कानून के हिसाब से ही सब कुछ किया है। अहम आरोपी छुपता फिर रहा है। सब जानते हैं कि उसे छिपाने में कौन कौन मदद कर रहा है। शरबानी ने यह भी कहा कि जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वह अहम आरोपी नहीं है। इसलिए हमने अधिकतम सज़ा की मांग नहीं की थी।उधर सुज़ैट के वकील अनिर्बन साहा भी सरकारी वकील की इस टिप्पणी और सुनाए गए फैसले से हैरान हैं। उन्होंने कहा है कि वह आगे उठाए जाने वाले कदम के लिए सुज़ैन के परिवार से संपर्क करेंगे। बता दें कि इस साल मार्च में जोर्डन की मेनिनजाइटिस की बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। 5 फरवरी 2012 में कोलकाता के पार्क स्ट्रीट में एक नाइट क्लब के बाहर पांच आदमियों ने जोर्डन को घर छोड़ने का प्रस्ताव देकर उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया था। पांच में से दो आरोपी अभी तक फरार है।तीनों दोषियों के वकीलों ने अब फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में अपील की बात कही है। सुमित बजाज नाम के आरोपी के वकील केके तिवारी भी विशेष सरकारी वकील द्वारा कोर्ट में दिए गए बयान से अचंभित हैं। उनका कहना था कि ‘हम भी तो यही कह रहे हैं कि गिरफ्तार किए गए लड़के बेगुनाह हैं, अगर वह भी ऐसा ही सोचती हैं तो फिर हम किस बात के लिए लड़ रहे हैं?’