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कोल्लम के मंदिर में आग, 102 की मौत, 200 से ज्यादा भक्तों के झुलसने की आशंका

fire-in-putingal-temple_1460256696एजेन्सी/ नवरात्र के दौरान बीती रात केरल के पुत्तिंगल मंदिर में आग लगने से अब तक 102 लोगों की मौत हो चुकी है. स्थानीय पुलिस ने मरने वालों की संख्या की पुष्टि की है. हादसे में 350 से ज्यादा लोगों के घायल होने की भी आशंका है.भारतीय वायुसेना भी बचाव और राहत में जुट गई है. Mi17 समेत एयरफोर्स के चार हेलिकॉप्टर इस्तेमाल किए जा रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया और ट्वीट कर बताया कि वे हालात का जायजा लेने के लिए कोल्लम जा रहे हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को केरल में होने वाली अपनी चुनावी रैली रद्द कर दी है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी हालात का जायजा  लेने के लिए  रवि‍वार को कोल्लम जाएंगे और घायलों से भी मिलेंगे.

हादसा केरल के कोल्लम के पारावुर में स्थित पुत्तिंगल मंदिर का है. जहां आतिशबाजी के दौरान भीषण आग लग गई. घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. पुलिस ने मंदिर प्रशासन के ख‍िलाफ केस दर्ज किया है.

कोल्लम भेजे जाएंगे NDRF जवान
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने NDRF के महानिदेशक ओपी सिंह को कोल्ल्म में एनडीआरएफ की टीम भेजने के लिए कहा है. ओपी सिंह ने कोल्लम के कलेक्टर से बता की है. एनडीआरएफ के 200 जवानों को चेन्नई में स्टैंडबाई पर रखा गया है.

मंदिर में शुक्रवार देर रात 11.45 बजे आतिशबाजी शुरू हुई थी और यह सुबह 4 बजे तक चली. खबरों के मुताबिक मंदिर के पंडाल में करीब 3.30 बजे आग लगी. इसके काफी देर तक किसी को आग की खबर तक नहीं लगी. लोगों को यह आतिशबाजी का धुआं लग रहा था और इसीलिए आग ने इतना भीषण रूप ले लिया. इस हादसे में देवास्वोम बोर्ड बिल्डिंग पूरी तरह बर्बाद हो गई है.

मुख्यमंत्री ने दिए न्यायिक जांच के आदेश
केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने घटनास्थल पर पहुंचने के बाद इस हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दिए. उन्होंने पीड़‍ितों को मुआवजा देने से पहले चीफ सेक्रेटी को चुनाव आयोग की इजाजत देने के लिए कहा है. राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू होने के चलते सरकार चुनाव आयोग से इजाजत लिए बगैर किसी तरह के मुआवजे का ऐलान नहीं कर सकती.

थोड़ी देर में राज्य के गृहमंत्री रमेश चेन्नीथाला घटनास्थल पर पहुंचेंगे. स्वास्थ्य मंत्री वीएस शिवकुमार ने भी त्रिवेंदरम मेडिकल कॉलेज और कोल्लम जनरल अस्पताल में सभी जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.

आतिशबाजी मंदिर की परंपरा
बता दें कि यह हादसा आतिशबाजी की वजह से हुआ है. पुत्तिंगल देवी के मंदिर में बड़े स्तर पर आतिशबाजी करना आम बात है. खासतौर पर नए साल के अवसर पर. 14 अप्रैल को मलयालम नववर्ष शुरू होने जा रहा है. इसलिए यहां आतिशबाजी की जा रही थी.

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