टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली लगातार टीम जीत दिला रहे हैं। कप्तानी हो या बल्लेबाजी, सफलता कोहली के कदम चूम रही है। बांग्लादेश के खिलाफ सेमीफाइनल में नाबाद 96 रन बनाने वाले कोहली ने खुद माना कि पिछले 18 महीनों में उनकी बैटिंग में काफी निखार आया है। मैच के बाद मीडिया से बात करे हुए कोहली ने कहा कि उनकी बल्लेबाजी में निखार के पीछे दो लोगों का बड़ा हाथ है।
28 वर्षीय विराट कोहली ने टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ और रघु का नाम लेते हुए कहा कि एक सफल बल्लेबाज के पीछे पर्दे में रहने वाले कई लोगों का अहम योगदान होता है, मगर उन्हें उनती तवज्जो नहीं मिलती। कोहली न कहा, “रघु ने मुझे 140 किमी की रफ्तार की गेदों पर प्रैक्टिस कराकर मेरी बल्लेबाजी को बहुत मजबूत कर दिया है। लेकिन रघु के बारे में कम ही लोगों को पता होगा।”
रघु का असली नाम राघवेंद्र हैं। रघु भारतीय टीम के साथ एक खास मकसद से जुड़े हैं। प्रैक्टिस के दैरान रघु नेट्स पर बल्लेबाजों को गेंदें फेंकने यानी थ्रो-डाउन की जिम्मेदारी निभाते हैं। रघु घंटों गेंदें फेंककर टीम इंडिया के बल्लेबाजों को प्रैक्टिस करवाते हैं। विराट कोहली के अलावा वह सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों को भी नेट्स पर गेंदें डाल चुके हैं।
कर्नाटक के रघु खुद भी क्रिकेट बनना चाहते थे। मगर मुंबई आए रघु को क्लब क्रिकेट में ज्यादा सफलता नहीं मिली। इसके बाद वो लौट गए। इसके बाद वो एक संस्थान से जुड़े। बाद वो कर्नाटक रणजी टीम के थ्रो-डाउन असिसटेंट बन गए और यहीं से उनकी किस्मत बदल गई और 2008 में वो राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) से जुड़ गए। जल्द ही वो टीम इंडिया के साथ काम करने का मौका मिल गया।
विराट कोहली ने वनडे के सबसे तेज 8000 रन पूरे कर लिए हैं। उन्होंने सेमीफाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ 96 रनों की नाबाद पारी खेली। 88वां रन बनाते ही यह रिकॉर्ड उनकी नाम हो गया। विराट ने175वीं पारी में यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने एबी डिविलियर्स का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने 182 पारियों में 8000 रन पूरे किए थे।
चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने बांग्लादेश को 9 विकेट से मात देकर फाइनल में जगह बनाई। फाइनल के महामुकाबले में भारत की भिड़ंत पाकिस्तान से होगी। एक समय पर तेजी से रन बना रही बांग्लादेश अपनी गलतियों के कारण गेंद-दर-गेंद मैच से बाहर होती गई। जानिए क्या रहे मैच के 5 टर्निंग प्वाइंट: