कौन है जानवरों की दुनिया में सुपरपावर?
आपने सुना होगा कि अमेरिका आज दुनिया की इकलौती सुपरपावर है। किसी दौर में सोवियत संघ भी सुपरपावर कहा जाता था। चीन आज उभरती महाशक्ति है। भारत के बारे में भी कहा जाता है कि उसमें महाशक्ति बनने की क्षमता है। मगर, क्या आपने कभी सोचा है कि जानवरों के बीच कौन है जिसे सुपरपावर कहा जा सकता है? अगर आप ये अंदाजा लगा रहे हैं कि शेर, बाघ या चीता, जंगल की दुनिया के सुपरपावर हैं तो आपका अंदाजा बिल्कुल गलत है।
जानवरों की दुनिया के सुपरपावर हैं, सांप। जो सबसे खतरनाक, शातिर शिकारी होते हैं। अमेरिका के कैलिफोर्निया के जंगलों में मिलने वाला वेस्टर्न डायमंडबैक रैटलस्नेक, दुनिया का सबसे सब्र वाला शिकारी है। ये अकेले, छुपकर रहते हैं। बड़े इत्मीनान से अपने शिकार का इंतजार करते हैं। कई बार ये इंतजार दो बरस लंबा तक हो सकता है। यानी ये सांप दो साल तक बिना कुछ खाए रह लेते हैं। लेकिन जैसे ही मौका आता है, ये सांप बहुत भयानक तरीके से अपने शिकार पर हमला करते हैं।
इनका शिकार पकड़ने में कामयाब होना करीब-करीब तय होता है। इनका सबसे खतरनाक हथियार इनकी ताकत नहीं, रफ्तार होती है। इस साल मार्च में छपे एक रिसर्च के मुताबिक, अपने शिकार पर सांप का हमला महज 44 से 70 मिलीसेकेंड में खत्म हो जाता है। वो कितना कम वक्त लेते हैं, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि हमें अपनी आंखें झपकाने में भी 200 मिलीसेकेंड लगते हैं। इतने में कोई सांप चार बार अपने शिकार पर हमला कर चुकेगा।
हमें अभी ये नहीं मालूम कि सांप फुर्ती से हमला करने के लिए इन मांसपेशियों का किस तरह से फायदा उठाते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि सांपों की सभी मांसपेशियां एक दूसरे से जुड़ी होती हैं। इसीलिए जब वो हमला करता है तो वो एकसाथ एक रबर बैंड की तरह तनकर फुर्ती से हमला करने की ताकत देती हैं।
सांपों की फुर्ती को लेकर एक बात जो समझ से परे है वो ये कि जिस रफ्तार से वो शिकार पर झपटते हैं, उसका असर खुद उन पर भी पड़ता है। आखिर वो कैसे इस झटके को बर्दाश्त करते हैं? क्योंकि उनकी जो रफ्तार होती है, उस रफ्तार में दौड़ने पर किसी दूसरे जानवर की जान जानी तय है।
अमरीकी वैज्ञानिक डेविड पेनिंग कहते हैं कि सांप 30G तक की ताकत से अपने शिकार पर झपटते हैं। मतलब ये कि जितनी ताकत से धरती हमें अपनी तरफ खींचती है उससे तीस गुनी ताकत से सांप अपने शिकार पर झपटते हैं।
उनके मुकाबले 8G की रफ्तार में ही लड़ाकू विमानों के पायलटों के पैर सुन्न होने लग जाते हैं, जब वो हवा में तेजी से गोते लगाते हैं। अगर यही रफ्तार 10G तक पहुंच गई तो उनके बेहोश होने का डर रहता है। वहीं सांप उससे भी तीन गुनी ताकत से हमला करते हैं।