कौन होगा टीम इंडिया का कोच? ये पांच बातें रवि शास्त्री के पक्ष में जाती हैं
आखिरकार लंबे समय से कोच पद को लेकर चल रही माथा-पच्ची के बाद वो घड़ी नजदीक आ गई जब टीम इंडिया को उसका नया हेड कोच मिलेगा. टीम इंडिया के हेड कोच के लिए आज मुंबई में इंटरव्यू होगा. क्रिकेट एडवाइजरी काउंसिल (सीएसी) ने नए कोच को चुनने के लिए मुंबई स्थित बीसीसीआई हेडक्वार्टर में मीटिंग रखी है. इस मीटिंग में नए हेड कोच के लिए आवदेकों का इंटरव्यू किया जाएगा.
स्वावलम्बी बनाने के लिए हुनरमंद बनाना जरूरी : योगी अदित्यनाथ
10 लोगों के नाम शॉर्टलिस्ट
मुंबई में होने वाले इस इंटरव्यू के लिए 10 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. इन 10 उम्मीदवारों में रवि शास्त्री, वीरेंद्र सहवाग, क्रेग मैकडरमोट, लांस क्लूसनर, राकेश शर्मा, लालचंद राजपूत, फिल सिमंस, टॉम मूडी, डोडा गणेश और रिचर्ड पाइबस का नाम शामिल है. क्रिकेट एडवाइजरी काउंसिल की टीम इन उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेगी. इस टीम में सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली शामिल हैं.
ये हैं कोच पद के 6 बड़े दावेदार
कोच पद के लिए वीरेंद्र सहवाग, रवि शास्त्री, रिचर्ड पाइबस, लालचंद राजपूत, फिल सिमंस और टॉम मूडी 6 प्रमुख दावेदार हैं. सीएसी भारतीय टीम के हेड कोच के लिए इन 6 लोगों का पहले इंटरव्यू करेगी. आज दोपहर 1 बजे से कोच पद के लिए इंटरव्यू शुरू होगा.
रवि शास्त्री का नाम सबसे आगे
टीम इंडिया के कोच पद के लिए कई उम्मीदवारों ने आवेदन डाला है, लेकिन इस पद के लिए तीन लोगों के बीच बड़ी टक्कर होने की उम्मीद है. इन तीन लोगों में सहवाग, रवि शास्त्री और टॉम मूडी का नाम शामिल है. खबरों के मुताबिक हेड कोच की रेस में सबसे आगे रवि शास्त्री का नाम चल रहा है. वहीं, हेड कोच की रेस में धाकड़ बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को दूसरे नंबर देखा जा रहा है. जबकि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाडी टॉम मूडी इस रेस में तीसरे नंबर पर हैं. हालांकि ऐसी भी खबर आई हैं कि रवि शास्त्री का मुख्य कोच चुना जाना लगभग तय है. हालांकि, आखिरी फैसला सचिन, सौरव और लक्ष्मण की तिकड़ी को लेना है.
ये पांच बातें रवि शास्त्री के पक्ष में जाती हैं
1. कोहली से अच्छी कैमिस्ट्री
विराट के करीबी होने की वजह से रवि शास्त्री कोच पद की इस रेस में सबसे आगे नजर आ रहे हैं. 2014 में इंग्लैंड से 1-3 से सीरीज हारने के बाद शास्त्री टीम डायरेक्टर बने थे. 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बड़ी नाकामी के बाद विराट कोहली शास्त्री की ही देख-रेख में एक बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभरकर सामने आए थे.
जिसका नमूना 2014 में ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में देखने को मिला था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सीरीज में विराट कोहली ने 4 टेस्ट मैचों में 86.50 की औसत से 692 रन बनाए थे. जिसमें 4 शतक और 1 अर्धशतक शामिल है.
शास्त्री ने टीम को वर्ल्ड कप 2015 के सेमीफाइनल तक पहुंचाया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हीं के देश में टी20 सीरीज में ऐतिहासिक क्लीन स्वीप दिलाया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ 3-0 से टेस्ट सीरीज जीती.
टीम इंडिया मार्च 2016 में टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक भी पहुंची जिसके बाद उनका टेन्योर खत्म हो गया था.
2. टीम मैनेजमेंट का अनुभव
रवि शास्त्री अगर कोच बनते हैं तो यह एक अच्छी बात होगी क्योंकि वो एक महान खिलाड़ी रहे हैं और उनके पास टीम मैनेजमेंट का लंबा अनुभव है. शास्त्री ने भारत के लिए 80 टेस्ट और 150 वनडे खेले हैं और 1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य भी थे. वह 2007 में क्रिकेट मैनेजर के तौर पर भारतीय टीम के साथ बांग्लादेश दौरे पर गए थे, जब ग्रेग चैपल ने वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन के बाद हेड कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था.
रवि शास्त्री को आधुनिक क्रिकेट तकनीक के बारे में काफी जानकारी है. उन्हें मैनेजमेंट के काम का भी अच्छा अनुभव है. शास्त्री की सबसे खास बात यह है कि उन्हें खिलाड़ी पसंद करते हैं, उनकी सकारात्मक सोच और उपस्थिति को खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में पसंद करते हैं जो कि एक कोच बनने वाले इंसान के लिए बहुत अच्छी बात है.
3. ऑलराउंडर परफॉर्मेंस पर फोकस
टीम इंडिया के सामने 2019 वर्ल्ड कप के लिए टीम तैयार करने की चुनौती है ऐसे में रवि शास्त्री का अनुभव काम आ सकता है. रवि शास्त्री टीम इंडिया के शानदार ऑलराउंडर रहे हैं. शास्त्री ने 80 टेस्ट और 150 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 3830 और 3108 रन बनाए. उन्होंने टेस्ट मैचों में 151 और वनडे में 129 विकेट भी लिए हैं. ऐसे में अगर वे टीम इंडिया के कोच बनते है तो भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑलराउंड परफॉर्मेंस निखारने में और नए टैलेंट की खोज में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. जिसका सबसे बड़ा लाभ हार्दिक पंड्या को मिल सकता है.
4. कोहली-कुंबले विवाद के बीच कोच-कप्तान का विवाद भी मायने रखेगा
चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल से पहले टीम इंडिया के पूर्व कोच अनिल कुंबले और विराट कोहली के बीच विवाद की वजह से टीम इंडिया को इसका बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा. भारत फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान से 180 रनों से हार गया. जिसके बाद बीसीसीआई इससे सबक लेते हुए कप्तान और टीम की पसंद के अनुसार ही कोच का चुनाव कर सकती है. ताकि दोबारा से कप्तान और कोच के बीच और कोई विवाद न हो जिससे टीम इंडिया को नुकसान उठाना पड़े.
5. सचिन ने आवेदन करने को कहा
आपको बता दें कि इससे पहले रवि शास्त्री ने टीम इंडिया के लिए कोच पद के आवेदन से पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर उन्हें गारंटी दी जाती है कि टीम इंडिया के मुख्य कोच का जिम्मा उन्हें ही सौंपा जाएगा उस सूरत में ही वे आवेदन करेंगे. शास्त्री ने कहा था कोच पद के लिए कतार में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है.
जिसके बाद शास्त्री को भारत के पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने आवेदन देने के लिए राजी किया. सचिन तेंदुलकर के कहने पर ही शास्त्री ने भारतीय टीम के कोच पद के लिए आवेदन दिया. लंदन में सचिन ने शास्त्री से बातचीत की और उन्हें आवेदन देने के लिए राजी किया.
सीएसी के 3 सदस्यों में से एक सचिन का मानना था कि भारत के कप्तान विराट कोहली भी शास्त्री को बतौर कोच देखना चाहते हैं और दोनों के बीच अच्छे रिश्ते भी हैं. ऐसे में सचिन ने शास्त्री से बातचीत कर उन्हें आवेदन देने के लिए राजी किया. कोच के रूप में शास्त्री कप्तान विराट कोहली की पहली पसंद हैं. चैंपियंस ट्रॉफी से पहले कोहली ने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण से कोच पद की दौड़ में शास्त्री का नाम शामिल करने का अनुरोध किया था.
आपको बता दें कि 2016 में जब सीएसी ने अनिल कुंबले को कोच चुना था, तब भी सचिन तेंदुलकर के अलावा सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण सीएसी के सदस्य थे, तब टीम के डायरेक्टर रह चुके शास्त्री का कोच बनना तय माना जा रहा था, लेकिन अनिल कुंबले की एंट्री ने सारे समीकरण बदल दिए. तेंदुलकर ने तब भी शास्त्री का पक्ष लिया था और कहा था कि टीम भी उनके साथ खुश है और उन्हें ही टीम का कोच नियुक्त करना चाहिए, लेकिन उस वक्त सौरव गांगुली ने अनिल कुंबले को तरजीह दी.
हालांकि, शास्त्री के सीएसी सदस्य सौरव गांगुली के साथ मतभेद हैं. क्योंकि उन्होंने पिछली बार उनकी उम्मीदवारी खारिज कर दी थी. शास्त्री ने गांगुली पर स्काइप के जरिए अपने इंटरव्यू के दौरान उपस्थित नहीं होने का आरोप लगाया था. दूसरी तरफ गांगुली ने शास्त्री की सीएसी को व्यक्तिगत रूप से न मिलने के लिए आलोचना की थी.