जालंधर। वर्ष 1984 में देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने वालों के जीवन पर बनी पंजाबी फिल्म ‘कौम दे हीरे’ पर रोक लगाने की मांग करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि इस फिल्म के प्रदर्शन की मंजूरी कैसे दी गयी है, इसकी जांच करायी जानी चाहिए। पार्टी का कहना है कि इस तरह की फिल्म बनाने का लक्ष्य पंजाब तथा मुल्क को अशांत करना ही हो सकता है। भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांता चावला ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर कहा है, ‘‘देश की प्रधानमंत्री की हत्या करने वालों के जीवन पर ‘कौम दे हीरे’ फिल्म का निर्माण किया गया है। इसमें उन्हें कौम का नायक दिखाया गया है। मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि प्रधानमंत्री के हत्यारे किसी कौम के नायक कैसे हो सकते हैं।’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘कल ही इस बात का खुलासा हुआ है कि सेंसर बोर्ड के लोग पैसे लेकर फिल्मों को प्रदर्शित करने का प्रमाणपत्र देते थे। इसलिए यह भी जांच का विषय है कि ऐसी घटिया फिल्मों को प्रसारण की अनुमति कैसे दी गयी है जिसमें प्रधानमंत्री के हत्यारों को नायक करार दिया गया है।’’ पंजाब सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुकीं लक्ष्मीकांता ने पत्र में कहा, ‘‘मेरा आपसे निवेदन है कि पंजाब में शांति बरकरार रखने के लिए तथा संप्रदायिक सौहार्द्र के लिए इस फिल्म के प्रदर्शन पर जल्द से जल्द रोक लगाई जानी चाहिए।’’ उल्लेखनीय है कि फिल्म का प्रदर्शन 22 अगस्त को होना है। वरिष्ठ भाजपा नेता ने पत्र में गृह मंत्री से कहा है कि न केवल इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई जानी चाहिए, बल्कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि सेंसर बोर्ड ने इस राष्ट्र विरोधी फिल्म को कैसे अनुमति दे दी।’’ लक्ष्मीकांता ने कहा, ‘‘पंजाब में बड़ी मुश्किल से शांति आयी है और विदेशी ताकत अब इस माध्यम से यहां अशांति फैलाना चाहती हैं।