कौवे और तोते से संवाद कर सकता है मनुष्य
नई दिल्ली : ऐसा माना जाता है कि तोता और कौवा मानव आवाज की नकल कर लेते हैं, किस्से-कहानियों में ऐसे तोतों के बारे में सुना है जो अपने मालिक की नकल करते थे या अपनी वाणी में मालिक को कुछ कह सकते थे। इन बातों की सच्चाई को परखने के लिए वैज्ञानिकों ने शोध किया, जिसमें पुष्टि हुई है कि ये दोनों पक्षी इंसान की आवाज की नकल कर सकते हैं और इंसान भी इनकी कृत्रिम आवाज विकसित कर इनसे संवाद कायम कर सकता है। करंट साइंस जर्नल में पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन विभाग के वैज्ञानिकों रंधीर सिंह, अजय कुमार और प्रवीण कुमार का शोधपत्र प्रकाशित हुआ है। इन्होंने कंप्यूटर सॉफ्टेयर कोमसोल के जरिये तोते एवं कौवे की आवाजों के ट्रैक और स्वर वर्ण को समझने की कोशिश की है। दरअसल, पक्षी हो या इंसान जब कोई आवाज निकालता है तो इस आवाज में मौजूद वर्ण इस सॉफ्टेवयर पर आवृत्ति के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। इंसान और इन पक्षियों की आवाजों की आवृत्तियों को समझने की कोशिश की गई। इनमें कई समानताएं दिखी। जैसे इनके आकार मिलते-जुलते हैं। पैटर्न मिलता है। कई वर्ण मिलते हैं। शोधकर्ता रंधीर सिंह के अनुसार कोमसोल पर वोकल ट्रैक के परीक्षण के दौरान जब इंसान, तोते और कौवे की आवाजों का परीक्षण किया गया तो अलग-अलग फ्रीक्वेंसी पर तीन वर्ण अ, इ और उ की पहचान की गई। तीनों द्वारा उत्पन्न आवाज में ये पाए गए। यह इंसान और इन पक्षियों की आवाज के एक समान पैटर्न की पुष्टि करता है। लेकिन पक्षियों की आवाज में कई वर्ण ऐसे हैं जिन्हें अभी समझने की जरूरत है। रिपोर्ट के अनुासर इस शोध का नतीजा यह है कि भविष्य में इंसान कृत्रिम आवाज तैयार कर तोते एवं कौवे से संवाद कायम कर सकता है। इस संवाद के जरिये उन्हें किसी स्थान पर बुलाने या कहीं से हटाया जा सकेगा। मसलन, कहीं कौवों की वजह से विमान परिचालन में दिक्कत हो रही है तो उन्हें कृत्रिम आवाज में वहां से जाने के लिए संदेश भेजा जा सकता है। इसी प्रकार यदि कौवे में कोई संक्रामक बीमारी फैल जाए तो उन्हें किसी स्थान पर बुलाकर उनके भोजन में दवा मिलाकर खिलाई जा सकती है। दरअसल, तोता और कौवा बहुत होशियार प्राणी है।