कौशल विकास पर नेशनल यूनिवर्सिटी के लिए विधेयक लाएगी सरकार
नई दिल्ली : पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में कौशल विकास पर जागरूकता की कमी का आरोप लगाते हुए केंद्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा है कि देश में कौशल विकास को राष्ट्रीय ढांचागत स्वरूप प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव है और इस संबंध में एक विधेयक आने वाले समय में संसद में पेश किया जायेगा।
रूडी ने बातचीत में कहा, ‘पिछली सरकार के दौरान कौशल विकास चिंताओं से व्यवस्था अनजान रही और इसके प्रति जागरूकता में कमी के कारण कौशल विकास जैसे व्यापक क्षेत्र में हम छोटे छोटे देशों से पीछे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट ने एक सामान्य मानदंड को भी मंजूरी दी है जिसमें एक ढांचे द्वारा यह बताया गया है कि कितने घंटे की ट्रेनिंग होगी और कितना पैसा लगेगा। इसके अलावा देश में कौशल विकास को राष्ट्रीय ढांचे का स्वरूप प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव भी है और इस संबंध में एक विधेयक आने वाले समय में संसद में पेश किया जायेगा।’
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद हम आस्ट्रेलिया, चीन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा आदि विभिन्न देशों के साथ मिलकर कौशल विकास के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। हम विभिन्न देशों के ढांचे का अध्ययन करके अपने अनुरूप ढालने का कार्य कर रहे हैं। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ चुके युवाओं को लक्ष्य करके प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरूआत की है। मानव संसाधन विकास विभाग के सहयोग से एक ऐसा पाठ्यक्रम लाने पर विचार किया जा रहा है जिसके माध्यम से छात्रों को प्राथमिक शिक्षा के साथ साथ कौशल विकास के क्षेत्र में भी दक्ष किया जाए ।
रूडी ने कहा कि कौशल विकास के लिए वैसे विद्यालयों और उनके संसाधनों के उपयोग पर भी एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिसमें आधे दिनों के बाद शिक्षण कार्य बंद हो जाते हैं। राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय कौशल पात्रता ढांचा (एनएसक्यूएफ) की अधिसूचना दे दी है। इसके अंतर्गत अब जितने भी कौशल विकास के कार्यक्रमों का कार्यान्वयन होगा, उनके लिए इससे जुड़ना अनिवार्य कर दिया गया है। साल 2019 से सरकारी नौकरियों में आने के लिए एनएसक्यूएफ के अंतर्गत प्रशिक्षण लेना अनिवार्य कर दिया गया है जिसका प्रमाणपत्र होना अनिवार्य होगा और इसी प्रमाणपत्र के आधार पर ही नौकरी मिलेगी।
राज्यों में कौशल विकास कार्यक्रम के संबंध में एक सवाल के जवाब में रूडी ने कहा कि कौशल विकास के क्षेत्र में राज्यों का सहयोग महत्वपूर्ण है। इसके लिए कई राज्यों ने राज्य कौशल मिशन की स्थापना की है और कई राज्यों में प्रक्रिया चल रही है। देश में राजस्थान ऐसा पहला राज्य है जिसने राज्य स्तर पर कौशल विकास के कार्यक्रमों को एक मंच देने की पहल की। राजस्थान, केरल, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य कौशल विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल कर रहे हैं।
देश में कौशल विकास के संबंध में वैश्विक सहयोग के बारे में एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार के कौशल विकास मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक के साथ एक समझौता किया गया है जिसके अंतर्गत देश के विभिन्न राज्यों को राज्य कौशल विकास के कार्यक्रमों को एनएसक्यूएफ के साथ साथ केंद्र सरकार के कुछ बिन्दुओं के साथ सम्मिलित करके उसके कार्यान्वयन पर आर्थिक मदद देने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां कौशल विकास कार्यक्रमों की शुरूआत हाल ही में हुई है। इस क्षेत्र में कोरिया, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, चीन और आस्ट्रेलिया हमसे मीलों आगे है। भारत में जहां बेरोजगारी बड़ी समस्या बनी हुई है, वहीं देश में केवल 2.5 फीसदी कुशल श्रम उपलब्ध है।