क्या आप जानते है किस ब्लड ग्रुप के लोगों को कोरोना होने का है सबसे ज़्यादा ख़तरा ?
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का संक्रमण दुनियाभर में काफी तेज़ी से फैलता जा रहा है। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमण के करीब दो लाख मामले सामने आ चुके हैं, वहीं करीब 8000 लोग इसकी वजह से अपनी जान गवां चुके हैं। इनमें से सबसे ज़्यादा मौतें चीन में हुई हैं। इस वायरस के संक्रमण की शुरुआत चीन के शहर वुहान से ही हुई थी, जो अब पूरी दुनियाभर में फैल चुका है
कोरोना वायरस को लेकर पिछले साल से लगातार कई तरह की रिसर्च की जा रही हैं। यहां तक कि, चीन के वुहान शहर में भी अस्पताल में भर्ती मरीज़ों को लेकर कई रिसर्च हो रही हैं। इसके अलावा वैज्ञानिक इस वायरस से हुई मौतों पर भी स्टडी कर रहे हैं। इसी क्रम में ब्लड ग्रुप से जुड़ी एक नई रिसर्च सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि किस ब्लड ग्रुप के लोगों को कोरोना वायरस से ज़्यादा ख़तरा है और किस ब्लड ग्रुप के लोगों को इससे कम ख़तरा है।
ब्लड ग्रुप टाइप-ए को है ज़्यादा ख़तरा
वुहान विश्वविद्यालय के ज़ॉगनान अस्पताल के रिसर्चर्ज़ से खुलासा किया है कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप टाइप-ए होता है उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा ज़्यादा है। जबकि दूसरे नम्बर पर ब्लड टाइप-ओ है।
चीन के अलावा इटली, ईरान, इंग्लैंड, फ्रांस, साउथ कोरिया जैसे दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के मामले तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं। जिसके बाद से सभी देशों में आकस्मिक भय पैदा हो गया है। इसी बीच एक नई रिसर्च में पाया गया है कि आपका ब्लड टाइप इस वायरस से संक्रमित होने की संभावना को बढ़ा सकता है। इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने 2,173 कोरोना के मरीज़ों पर रिसर्च किया, जिसमें 26 वो लोग भी शामिल थे, जिनकी इस वायरस की वजह से जान चली गई।
क्या कहता है नया शोध
शोध में पाया कि ब्लड ग्रुप-ओ वाले लोगों की संख्या ज़्यादा है। आंकड़ों के मुताबिक आबादी में 34 फीसदी लोग ब्लड ग्रुप-ओ वाले हैं तो ग्रुप-ए वाले करीब 32 फीसदी लोग हैं। इस रिसर्च के मुताबिक कोरोना वायरस के कुल संक्रमित मरीज़ों में ब्लड ग्रुप-ओ वालों की संख्या 25 फीसदी रही, वहीं ग्रुप-ए वाले मरीज़ों की संख्या करीब 41 फीसदी रही। वायरस से संक्रमित मरीज़ों की मौतों में ब्लड ग्रुप-ओ वाले करीब 25 फीसदी रहे, जबकि टाइप-ए वाले 41 फीसदी थे।
इस स्टडी के बाद शोधकर्ताओं का मानना है कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप-ए है, उन्हें अपनी सुरक्षा का स्तर बढ़ाना होगा। उन्होंने ये भी कहा कि ब्लड ग्रुप-ए वाले लोगों को खास एतियात बरतने की ज़रूरत है, ताकि उनका कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा कम हो सके।
घबराने की नहीं है ज़रूरत
हालांकि, इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है कि अध्ययन में नमूने का आकार काफी छोटा होता है- निष्कर्षों को सत्यापित करने के लिए बड़े पैमाने पर अध्ययन की आवश्यकता होगी। इसलिए अगर आपका ब्लड ग्रुप-ए है तो आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है। इसका मतलब ये नहीं है कि आपको 100 प्रतिशत कोरोना वायरस होना ही है।
वहीं, अगर आपका ब्लड ग्रुप-ओ है, तो इसका मतलब ये नहीं कि आप पूरी तरह सुरक्षित हैं। आपके लिए भी साफ सफाई का ध्यान रखना उतना ही ज़रूरी है, जितना बाकी सबके लिए। हर थोड़ी देर में हाथ धोएं और हेल्थ एडवाइज़री की गाइडलाइन्स को ज़रूर फॉलो करें।