पानी हमें जिंदा रखने के लिए बहुत जरूरी है. अगर हम कुछ घंटे भी पानी ना पिए तो इसके हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत असर दिखने शुरू हो जाते हैं. बड़े बुजुर्ग हमेशा कहते हैं कि सुबह की शुरुआत पानी के साथ ही होनी चाहिए। पानी तो सब पीते हैं लेकिन पानी को भी पीने का एक तरीका होता है. हम में से बहुत से लोग खड़े खड़े ही पानी पीते हैं जबकि ऐसा करना बहुत नुकसानदायक होता है. आज हम आपको खड़े होकर पानी पीने के नुकसान के बारे में बता रहे हैं.
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जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं, तो यह ऊपर से नीचे तक तेज़ी से प्रवाह हो जाता है जिसकी वजह से ऊपर के आवश्यक अंगों को इसे सोखने का समय नहीं मिल पाता है, और एक बड़ी मात्रा में नीचे फ़ूड पाइप में जाकर, पेट की नीचली दीवार पर गिरता है। इस तरह सीधे पेट की दिवार पर गिरने से पेट को और आस पास के महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुँचने की संभावना होती है। बार बार और लंबे वक़्त तक ऐसा होते रहने से पाचन तंत्र और दिल और गुर्दे की समस्याएं हो जाती हैं। जब खड़े होकर पानी पिया जाता है तब वह तेज़ गति से गुर्दे में होता हुआ बिना छने ही नीचे चला जाता है, ऐसे में पानी में मौजूद गंदगी मूत्राशय और खून में इकठ्ठा हो जाती है, जिससे मूत्र सम्बंधी और गुर्दे संबंधी बीमारियां होने का खतरा हमेशा रहता है।
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खड़े होकर पानी पीने का सीधा विपरीत असर आपके घुटनों पर पड़ता है क्योंकि ऐसा करने से घुटनों पर जोर पड़ता है और ऑर्थराइटिस होने का खतरा रहता है। शरीर के जोड़ों में एक तरल पदार्थ रहता है जो जोड़ों को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक होता है। खड़े होकर पिया गया पानी शरीर में मौजूद तरल पदार्थों का संतुलन बिगाड़ देता है जिससे जोड़ों में मौजूद तरल में भी कमी आती है। और जोड़ों के दर्द और गठिया जैसे रोगों का सामना करना पड़ता है।