क्या नवरात्रि में किसी दिन भी की जाती है मां सरस्वती की पूजा?
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नवरात्रि में भी देवी के तीन स्वरूपों की विशेष पूजा की जाती है. मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां काली. नवरात्रि के मध्य में मां सरस्वती की पूजा की जाती है और इस पूजा से ज्ञान, विद्या और बुद्धि का वरदान मिलता है. इसके अलावा संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद भी इस काल में लिया जा सकता है.
अगर कुंडली में विद्या बुद्धि का योग नहीं है या शिक्षा की बाधा का योग है, तो नवरात्रि में मां सरस्वती की पूजा से उसको ठीक किया जा सकता है.
कैसे करें मां सरस्वती की उपासना और किन बातों का ख्याल रखें?
– इस दिन पीले या सफ़ेद वस्त्र धारण करें ,काले या लाल वस्त्र नहीं.
– तत्पश्चात पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें.
– यह पूजा सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे में करें.
– मां सरस्वती को श्वेत चन्दन के साथ पीले और सफ़ेद पुष्प अवश्य अर्पित करें.
– प्रसाद में मिसरी, दही और लावा समर्पित करें.
– मां सरस्वती के बीज मंत्र “ॐ ऐं नमः” या “ॐ सरस्वत्यै नमः” का जाप करें.
– मंत्र जाप के बाद प्रसाद ग्रहण करें.
क्या करें अगर एकाग्रता की समस्या है?
– जिन लोगों को एकाग्रता की समस्या हो वह आज से नित्य प्रातः सरस्वती वंदना का पाठ करें.
– बुधवार को मां सरस्वती को सफ़ेद फूल अर्पित करें.
संगीत या कला के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए-
– आज केसर अभिमंत्रित करके जीभ पर “ऐं” लिखवाएं.
– किसी धार्मिक व्यक्ति या माता से लिखवाना अच्छा होगा.
नवरात्रि में सरस्वती पूजा के दिन सामान्य रूप से क्या-क्या करना बहुत अच्छा होगा?
– आज के दिन मां सरस्वती को कलम अवश्य अर्पित करें और वर्ष भर उसी कलम का प्रयोग करें.
– पीले या सफ़ेद वस्त्र जरूर धारण करें, काले रंग से बचाव करें.
– केवल सात्विक भोजन करें तथा प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें.
– आज के दिन स्फटिक की माला को अभिमंत्रित करके धारण करना भी श्रेष्ठ परिणाम देगा.