क्या सचमुच राष्ट्रपति जैकब जुमा ने किया संविधान का उल्लंघन??
एजेन्सी/दक्षिण अफ्रीका की उच्चतम अदालत ने राष्ट्रपति जैकब जुमा पर गंभीर टिप्पणी की है। अदालत के मुताबिक जुमा ने अपने आवास में स्विमिंग पूल और एम्पिथियेटर बनाने के लिए खर्च की गई सरकारी रकम वापस नहीं लौटाकर संविधान का उल्लंघन किया है। इसके अलावा अदालत ने जुमा को सरकारी धन लौटाने का आदेश दिया है।
अदालत ने 60 दिन का समय ये तय करने के लिए दिया है कि जुमा को कितनी रकम लौटानी है। अदालत ने कहा है राष्ट्रपति देश के संविधान की रक्षा और सम्मान करने में नाकाम रहे हैं। इसे विपक्ष के लिए एक जीत की तरह देखा जा रहा है, विपक्ष ने कहा कि अब जुमा पर महाभियोग चलवाने की कोशिश करेगा।
विपक्ष ने जैकब जुमा पर गलत तरीके से हासिल दौलत को अपने गांव में तैयार घर में स्विमिंग पूल और एम्पिथियेटर बनवाने का आरोप लगाया है। जुमा इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के भ्रष्टाचार रोधी संस्था ने 2014 में कहा था कि उन्हें गलत तरीके से फायदा मिला है और उन्हें सरकारी धन लौटाना चाहिए।
लेकिन जुमा ने इसकी अनदेखी की। इस संस्था ने कहा था कि जुमा को 2 करोड़ 30 लाख डॉलर लौटाने चाहिए। संवैधानिक अदालत ने सर्वसम्मति से कहा है कि जुमा का सरकारी रकम न लौटाना संविधान के खिलाफ है। विपक्ष के नेता मूसी मायमाने ने राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की है।