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क्या सरकारी बंगला खाली करेंगे मुलायम, अखिलेश और मायावती

लखनऊ : सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और कांग्रेसी नेता एन.डी.तिवारी पर बंगला खाली करने का दबाव बढ़ गया गया। जबकि पूर्व मुख्यमंत्रियों में कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह ने अपना सरकारी बंगला खाली करने का ऐलान कर दिया है। राज्य सम्पत्ति विभाग को उम्मीद है कि पूर्व मुख्यमंत्री अपनी गरिमा बनाए रखते हुये नोटिस मिलने के 15 दिन के अन्दर (एक जून तक) बंगला खाली कर देंगे। राज्य सम्पत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला ने कहा कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री एक जून तक बंगले से नहीं हटेंगे तो मामले तो बंगला खाली कराने के लिए पूरे मामले को गृह विभाग को सौंप दिया जाएगा।
बीते 18 मई को राज्य सम्पत्ति विभाग ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने की नोटिस तामील करा दी। एक माल एवेन्यू में रहने वाले नारायण दत्त तिवारी के आवास पर कोई न मिलने के कारण नोटिस रिसीव नहीं कराई जा सकी। विभाग ने उन्हें नोटिस उनके दिल्ली के पते पर भेज दी है। दो माल एवेन्यू के अध्यासी व राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने भी बंगला खाली करने की इच्छा जताई है। राज्यपाल कल्याण सिंह के ओएसडी अजय शंकर पांडे के अनुसार वे अपनी सरकारी आवास पर कभी कभार लखनऊ आते हैं। वे जब आएंगे तो अपने पौत्र और प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री संदीप सिंह के 2, तिलक मार्ग स्थित सरकारी आवास पर रहेंगे। वहीँ 4, कालीदास मार्ग में रहने वाले केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इच्छाशक्ति दिखाते हुए खुद अपना बंगला खाली करना शुरू कर दिया है। राजनाथ सिंह गोमतीनगर के विपुल खण्ड स्थित 200 वर्गमीटर के निजी आवास पर रहेंगे। उन्होंने अपने पुत्र व विधायक पंकज सिंह के नाम पर चार, कालीदास मार्ग वाले बंगले को आवंटित कराने से भी इन्कार कर दिया। बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आते ही उन्होंने मुख्यमंत्री को फोन घर खाली करने की इच्छा जताई थी। बसपा प्रमुख मायावती को 13 माल एवेन्यू, मुलायम सिंह को पांच विक्रमादित्य मार्ग, अखिलेश यादव को चार विक्रमादित्य मार्ग और कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी को एक माल एवेन्यू खाली करना है। मुलायम सिंह यादव ने अपना और अखिलेश का सरकारी बंगला विधानमंडल दल में विरोधी दल के नेता राम गोविन्द चौधरी और विधानपरिषद में विरोधी दल के नेता अहमद हसन को आंवटित करने के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मिलकर पत्र दिया था। राज्य सम्पत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला मुख्यमंत्री के यहां से पत्र मिलने की पुष्टि तो की। लेकिन अभी उस पर कोई निर्णय न लेने की बात कर मामले को टालने की कोशिश की।

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