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क्यों अभी तक तंजील हत्याकांड का खुलासा नहीं किया गया है

dgp-javeed-ahmed_1460159367एजेन्सी/  एनआईए के डीएसपी तंजील हत्याकांड के खुलासे के लिए बिजनौर पहुंचे पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जावीद अहमद हत्याकांड में खुलासा किए बिना लौट गए। डीजीपी हत्याकांड का खुलासा करने के लिए ही शुक्रवार को बिजनौर पहुंचे थे और प्रेस कांफ्रेस में इस हत्याकांड का खुलासा करने वाले थे। स्थानीय लोगों ने जल्दबाजी के खुलासे का विरोध किया था और किसी भी खुलासे से पहले साक्ष्यों की बात कही थी।

वापसी से पूर्व डीजीपी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि तंजील हत्याकांड का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि विवेचना चल रही है। हत्याकांड के खुलासे के लिए कोई समयसीमा भी तय नहीं की जा सकती। दो दिन पहले एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत चौधरी ने दावा किया था कि पुलिस को मजबूत साक्ष्य मिल चुके हैं और एक दो दिन में हत्याकांड का खुलासा कर दिया जाएगा।

माना जा रहा है कि मुख्य हत्यारोपी मुनीर का हाथ नहीं आना भी खुलासा न करने का कारण बना। अब मुनीर की गिरफ्तारी के लिए इनाम की रकम पांच हजार से बढ़ाकर 50 हजार की जा रही है। डीजीपी मुख्यालय में इसका प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है। डीजीपी जावीद अहमद ने कहा कि तंजील अहमद के मर्डर की तह तक जाने के लिए यूपी पुलिस के साथ एटीएस, एसटीएफ तथा एनआईए की टीम लगी हुई है। इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी भी नहीं की गई है।

उन्होंने कहा कि करीब एक सौ लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। हत्याकांड के हर पहलू की जांच की जा रही है। पुलिस की कई टीम दिल्ली, मुरादाबाद, अलीगढ़ समेत कई जिलों में काम कर रही है। कुछ ऐसे लोग जरूर मिले हैं, जो मर्डर की पूरी सूचना रखते हैं। एनआईए के साथ पुलिस पूरी तालमेल के साथ काम कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई की जल्द ही केस का खुलासा होगा। जल्दबाजी में कोई ऐसा काम नहीं किया जाएगा, जिससे मर्डर की सच्चाई सामने न आ पाए।

इस हत्याकांड में मुनीर के शामिल होने के बारे में पूछे गए सवाल को डीजीपी टाल गए। तंजील मर्डर में आतंकी हाथ होने के बारे में बस इतना कहा कि हर पहलू की गहराई से जांच हो रही है। इससे पहले डीजीपी ने तंजील अहमद के परिवार से मुलाकात की थी। हत्याकांड को लेकर उन्होंने पुलिस अफसरों के साथ करीब एक घंटा मीटिंग भी की। इसके बाद वह बिजनौर से मुरादाबाद के लिए सड़क मार्ग से रवाना हो गए थे। इस मौके पर आईजी बरेली जोन विजय सिंह मीणा, डीआईजी मुरादाबाद ओंकार सिंह, एसटीएफ के आईजी असीम अरुण, एनआईए के आईजी एसके सिंह, एसपी सुभाष सिंह बघेल आदि अधिकारी मौजूद थे।

एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने लखनऊ में बताया कि मुनीर की गिरफ्तारी पर पांच हजार रुपये का इनाम था, जिसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया जा रहा है। तंजील की हत्या के आरोप में तंजील के नजदीकी दो रिश्तेदारों के अलावा अभी तक आधा दर्जन से अधिक को हिरासत में लिया जा चुका है। जांच टीमों की पूछताछ के दौरान रेहान से तंजील के कत्ल के बारे में काफी जानकारी हासिल हो चुकी है। उससे मिली जानकारी के बाद ही मुनीर की तलाश तेज हुई है।

इसी क्रम में बृहस्पतिवार की रात तंजील के जीजा जखावत को भी दिल्ली से उठा लिया गया था। हालांकि इनमें से किसी की भी औपचारिक गिरफ्तारी नहीं की गई है। अधिकारियों का कहना है कि औपचारिक लिखा-पढ़ी इसलिए नहीं की जा रही है ताकि मुनीर को गिरफ्तार कर उसके पास से हत्या में प्रयुक्त असलहा बरामद कर लिया जाए। बरामद असलहे की फोरेंसिक जांच और हत्या में इसके इस्तेमाल की पुष्टि होने के बाद केस का औपचारिक खुलासा किया जाना है। 

एनआईए के डीएसपी तंजील अहमद के मर्डर के खुलासे से पहले एनआईए की टीम के सबूत मांगने से पुलिस महकमे के सामने विषम स्थितियां पैदा हो गई। एनआईए की टीम और तंजील के परिजनों को पुलिस की थ्योरी पर विश्वास नहीं है। यही वजह है कि पुलिस को मर्डर के खुलासे से पांव पीछे खींचने पड़े।

एनआईए के अफसरों को पुलिस की थ्योरी गले नहीं उतर रही। अफसर भी चाहते हैं कि मर्डर की असलियत सामने आए। मर्डर के सबूतों के बिना सच्चाई सामने नहीं आ पाएगी। एनआईए और यूपी पुलिस के बीच तालमेल नहीं हो पाने के कारण इस मामले में डीजीपी को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस प्रकरण को लेकर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री के सख्ती के कारण ही डीजीपी जावीद अहमद को खुद बिजनौर आना पड़ा। डीजीपी ने आते ही तस्वीर साफ की और कहा कि अभी मर्डर का खुलासा नहीं हुआ है।

एनआईए के डीएसपी तंजील अहमद के मर्डर में एनआईए के साथ यूपी पुलिस जांच में लगी हुई है। इस हत्याकांड में सहसपुर के हिस्ट्रीशीटर मुनीर अहमद का नाम सामने आ रहा है। पुलिस ने सहसपुर के रय्यान व जैनी नाम के दो युवकों को हिरासत में ले रखा है। रय्यान और जैनी ने पुलिस को तंजील मर्डर की सारी कहानी बता दी है।

ये भी बता दिया है कि मर्डर मुनीर ने किया था। मुनीर के रय्यान और जैनी से गहरी दोस्ती है। रय्यान व जैनी ने जिले की पुलिस को बताया था कि दिल्ली में प्रॉपर्टी के विवाद और निजी दुश्मनी के कारण तंजील अहमद का मर्डर किया गया। पुलिस भी मुनीर की तलाश में चार प्रदेशों में दबिशें डाली। इसके बावजूद मुनीर हाथ नहीं आया। पुलिस तंजील मर्डर के खुलासे की पूरी तैयारी कर बैठी थी। एनआईए के अफसरों की पुलिस की थ्योरी पर पूरी तरह विश्वास नहीं होने के कारण ही हत्याकांड का शुक्रवार को खुलासा नहीं हो सका।

अकेले इतनी गोलियां मुनीर नहीं मार सकता!
एनआईए के अफसर यह कतई मानने को तैयार नहीं हैं कि निजी दुश्मनी और प्रॉपर्टी के विवाद में इतनी गोली मुनीर अहमद ने ही मारी। एनआईए अफसरों का मानना है कि मुनीर अकेला इतनी गोली नहीं मार सकता, जितनी तंजील अहमद को मारी गई है। एनआईए अफसर चाहते हैं कि अगर मुनीर ने तंजील अहमद का मर्डर किया है, तो सारे सबूत के साथ मुनीर को सामने लाया जाए। रय्यान व जैनी की बताई कहानी पर मर्डर नहीं खोला जा सकता। उधर, तंजील के परिजन भी इस कहानी पर विश्वास नहीं कर रहे र्है। तंजील के बड़े भाई रागिब भी चाहते हैं मुनीर के साथ पुलिस सबूत लाए। तंजील के मर्डर की वजह बताए। यही वजह है कि चंद मिनटों में मीडिया से अपनी  बात कहकर डीजीपी चले गए।

 
 

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