टॉप न्यूज़राजनीतिराष्ट्रीय

क्यों केजरीवाल को छोड़ने पर मजबूर हो गए आशुतोष, जाने क्या है असली मुद्दा

पत्रकारिता छोड़कर आम आदमी पार्टी से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले आशुतोष का अब राजनीति से मन हट चुका है। इसी का परिणाम है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि इसके पीछे एक बड़ी वजह कुछ और ही बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि केजरीवाल इसकी वजह हैं और पिछले साल ही उनके साथ आशुतोष के मतभेद उभरे थे।

आम आदमी पार्टी नेतृत्व के साथ आशुतोष के मतभेद पिछले साल राज्यसभा चुनाव के दौरान उभरे, जब केजरीवाल ने सुशील गुप्ता जैसे उद्योगपति को टिकट दिया था। साथ ही वह आशुतोष और संजय सिंह को राज्यसभा भेजना चाहते थे। लेकिन आशुतोष ने स्पष्ट कहा कि उनका जमीर उन्हें सुशील गुप्ता के साथ राज्यसभा जाने की इजाजत नहीं देता है। 

चाहे उन्हें टिकट मिले या न मिले, सुशील गुप्ता को राज्यसभा नहीं भेजा जाना चाहिए। तब केजरीवाल ने उनकी जगह चार्टर्ड अकाउंटेंट एनडी गुप्ता का नामांकन करा दिया। हालांकि एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता दोनों ही आप के सदस्य नहीं थे। इसके बाद से ही आशुतोष राजनीति में निष्क्रिय हो गए थे।

हालांकि आशुतोष ने पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को कुछ महीने पहले ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था, लेकिन इसे अभी तक मंजूर नहीं किया गया है। इसलिए अब वह सार्वजनिक तौर पर पार्टी छोड़ने की घोषणा करेंगे। 

उन्होंने अपने इस्तीफे में पार्टी छोड़ने की वजह नितांत निजी बताई है। आशुतोष के करीबी आप के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ बनी पार्टी में जिस मकसद से वह आए थे, उससे उन्हें पार्टी में भटकाव महसूस हो रहा है।

लिहाजा वह आप ही नहीं, राजनीति से भी संन्यास ले रहे हैं। आशुतोष के पत्रकारिता में दोबारा सक्रिय होने की संभावना है। आम चुनाव से महज आठ महीने पहले आशुतोष जैसे कद्दावर नेता का पार्टी से जाना आप के लिए बड़ा झटका है।

ये भी छोड़ गए
किरण बेदी, प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, मयंक गांधी, शाजिया इल्मी और कुमार विश्वास के साथ आशुतोष भी आप के संस्थापक सदस्यों में से थे। कुमार के अलावा इन सभी ने एक-एक कर आप छोड़ दी है। कुमार विश्वास फिलहाल पार्टी में हैं, लेकिन पूरी तरह निष्क्रिय हैं। अपने लेखों और कविताओं में जरूर वह आप के नेतृत्व पर तंज कसते रहते हैं।

Related Articles

Back to top button