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नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पालह बदल लिया और बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद से वो कांग्रेस की पोल खोलने में जुटे हैं। बुधवार को ही जितिन ने कहा था कि उन्हें कांग्रेस व्यक्ति विशेष की पार्टी लग रही थी, जिस पर कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने पलटवार करते हुए उन्हें जातिवादी इंसान बता दिया। साथ ही पार्टी हाईकमान को भी एक सलाह दे डाली।
वीरप्पा मोइली ने कहा कि ज्यादा नेता नहीं, सिर्फ जितिन प्रसाद ने ही पार्टी छोड़ी है। वो हमेशा से संदिग्ध थे, क्योंकि वो धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं। इसके अलावा वो जातिवादी इंसान हैं। इसी वजह से जितिन यूपी में जातिवादी की राजनीति को कायम रखना चाहते थे। उन्हें कई पद दिए गए, फिर भी वो कांग्रेस पर नजरअंदाज करने का आरोप लगा रहे हैं। हाईकमान को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि अब पार्टी की विचारधारा के लिए प्रतिबद्ध लोगों को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। साथ ही कांग्रेस को बड़ी सर्जरी कराने की जरूरत है। जिसके बाद क्षमता और जनाधार वाले लोगों को विभिन्न राज्यों का प्रभार दिया जाए।
जितिन ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद कहा था कि मेरा कांग्रेस पार्टी से तीन पीढ़ियों का साथ रहा है। मैंने ये महत्वपूर्ण निर्णय बहुत विचार के बाद लिया है। मैंने पिछले 8-10 सालों में ये महसूस किया है कि आज देश में अगर कोई असली मायने में संस्थागत राजनीतिक दल है तो बीजेपी है, बाकी दल तो व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हो गए, मगर राष्ट्रीय दल के नाम पर भारत में बीजेपी ही है।